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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 6 सितंबर। फरीदाबाद जिले में बाढ़ के पानी से यमुना के साथ लगते दो दर्जन से ज्यादा गांव के लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थान पर बनाए गए शेल्टर होम में पहुंचाया जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार 24 घंटे यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर अलर्ट मोड पर है और अधिकारी लगातार अपनी पैनी नजर बने हुए हैं। जहां प्रशासन के द्वारा जागरूक करने पर लगभग बाढ़ से पीड़ित तमाम लोग शेल्टर होम में पहुंच चुके हैं या पहुंचाए जा चुके हैं। कुछ गांवों में अभी भी कुछ लोग रह गए हैं, जिन्हें एनडीआरएफ की टीम सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। जिला प्रशासन ने जहां बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए सरकारी स्कूलों बारात घरों और अनाज मंडियों के अंदर शेल्टर होम बनाए हैं, वहां पर बाढ़ पीड़ित लोगों के रहने खाने पीने और इलाज की व्यवस्था की गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के चलते गांव दुल्हीपुर और लतीपुर के बाढ़ पीड़ित लोगों को गांव अरुवा में सरपंच और गांव वालों की निगरानी में बनाए गए शेल्टर होम में ठहराया गया है। जहां उनके लिए हर सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए शेल्टर होम में ही ताजा खाना बनाया जा रहा है। वहीं, उनके सोने के भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं। साथ ही वहां स्वास्थ्य कर्मी की मौजूदगी में दवाइयों का इंतजाम भी रखा गया है। यहां मौजूद एक बुजुर्ग महिला और एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि यहां उन्हें किसी किस्म की तकलीफ नहीं है। ज्यादा पानी आने के चलते उनका घर डूब गया और उन्हें यहां लाया गया है। यहां उनके लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है और उन्हें किसी किस्म की कोई परेशानी नहीं है। बाढ़ पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि हर साल वर्षों के मौसम में उन्हें बाढ़ से जूझना पड़ता है।
वहीं शेल्टर होम की व्यवस्था देख रहे गांव के सरपंच ताराचंद भाटी और गांव के ही समाजसेवी अरुआ ने बताया कि प्रशासन द्वारा लोगों को बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन जो लोग रह गए थे हमने कल और परसों वहां जाकर लोगों को निकाला है यहां तक की बुजुर्गों को बड़ी मुश्किल से यहां शेल्टर होम में लेकर आए हैं और जिला प्रशासन के आदेश पर यहां खाने-पीने और रहने की तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है।