सैनी ने ‘नमो वन पौधारोपण अभियान’ की पौधा लगाकर की शुरुआत
Bilkul Sateek News
फरीदाबाद (अजय वर्मा), 2 अक्टूबर फरीदाबाद के सेक्टर 9 में आज 2 अक्टूबर को स्वच्छता पखवाड़े के समापन दिवस पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल द्वारा ‘नमो वन पौधारोपण अभियान’ की शुरुआत की गई जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिरकत की और अपने हाथों से पौधारोपण किया।
आपको बता दे ‘नमो वन पौधारोपण अभियान’ के तहत साढ़े तीन लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधे प्रदूषण का विष पीकर हमें प्राण वायु प्रदान करते हैं। कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि उनका अभियान सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि साढ़े तीन लाख पौधों को वृक्ष बनाने का काम करेंगे।
इस कार्यक्रम में पौधारोपण करने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए उन्हें अधिक से अधिक पेड़ लगाने और उनकी देखरेख करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि वृक्ष धरती के हरे भरे फेफड़े हैं जो प्रदूषण का विष पीकर हमें प्राण वायु प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा की वृक्ष कुदरत के कारखाने हैं, जहां प्राण वायु ऑक्सीजन का उत्सर्जन होता है। उन्होंने कहा कि आज ग्लोबल वार्मिंग के चलते पर्यावरण खतरे के निशान पर खड़ा है। इसलिए आज वन विकास और पौधे लगाने की अति आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने भी एक पेड़ मां के नाम लगाने का अनूठा अभियान पहले से ही शुरू किया हुआ है और इसी मुहिम के तहत हरियाणा में अब तक एक करोड़ 60 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। हमने तय किया है कि अगली बार हम दो करोड़ 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर चलेंगे। सीएम ने कहा कि पिछले 10 साल में हरियाणा में 18 करोड़ पौधे लगाए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं हरियाणा का हर कोना हरा भरा हो और हम सिर्फ पेड़ ही नहीं लग रहे, बल्कि जीवन लगा रहे हैं और हमने दक्षिण हरियाणा में अरावली वन क्षेत्र अभियान भी शुरू किया हुआ है।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि जब से लोकप्रिय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हरियाणा में आए हैं उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है और लगातार हरियाणा के चहुंमुखी विकास को लेकर वह आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज नमो वन पौधारोपण अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री के कर कमल द्वारा हुई है और इसके तहत साढे़ तीन लाख पौधे लगाए जाएंगे और जिनकी देखरेख करते हुए इन्हें वृक्ष बनाने का काम किया जाएगा।



