
ग्रामीणों की मांग आरोपियों पर हो देशद्रोह का मुकदमा
Bilkul Sateek News
फरीदाबाद (अजय वर्मा), 21 जुलाई। इन दिनों प्रदेश में असामाजिक तत्वों के हौसले कुछ इस तरह बुलंद हैं कि आए दिन बेखौफ होकर नए नए कुकृत्यों को अंजाम दे रहे हैं। इसी का उदाहरण सामने आया बल्लभगढ़ के गांव अटाली में जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलवामा हमले में देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर शहीद संदीप कालीरमण की प्रतिमा को खंडित कर दिया। असामाजिक तत्वों ने न केवल प्रतिमा पर संदीप कालीरमण की नाक तोड़कर प्रतिमा को खंडित किया, बल्कि शहीदी स्मारक की कांच की खिड़कियां भी तोड़ दी। जिसके चलते अब ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द इस कुकृत्य को अंजाम देने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए।
इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए शहीद संदीप के भाई सोनू एवं अन्य ग्रामीणों ने भावुक होते हुए बताया कि जो असामाजिक तत्व देश धर्म पर शहादत देने वालों का भी इस तरह अपमान कर रहे हैं उनके खिलाफ देश द्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। ग्रामीणों ने कहा कि शहीद संदीप कालीरमण की प्रतिमा के साथ साथ बच्चों के खेलकूद और व्यायाम के लिए शहीद संदीप कालीरमण खेल स्टेडियम बना हुआ है, जिसमें रोजाना युवा और ग्रामीण सुबह सुबह व्यायाम के लिए आते हैं। सोमवार सुबह जब वो व्यायाम के लिए पहुंचे तो उन्होंने देखा कि शहीद स्मारक के कांच टूटे हुए हैं, जब उन्होंने और करीब जाकर देखा तो पता चला कि शहीद प्रतिमा स्मारक के अंदर ईंट पड़ी हुई है और शहीद प्रतिमा की नाक टूटी हुई है। इस घटना के बाद ग्रामीणों के रोष भर गया और सूचना के बाद वहां काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि शहीद संदीप कालीरमण ने जो शहादत दी थी उसे भुलाया नहीं जा सकता शहीद किसी एक घर या गांव का नहीं होता पूरे देश का होता है। इसलिए जिन लोगों ने यह कुकृत्य किया है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए, ताकि आगे कोई ऐसी हरकत न कर सके। शहीद संदीप के भाई सोनू ने कहा कि उन्होंने 112 पर कॉल कर पुलिस को इसके बारे में सूचना दे दी है और वो इसके लिए पुलिस कमिश्नर व जिला उपायुक्त से भी मुलाकात करेंगे। फिर भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सीएम के दरबार में इस मुद्दे को लेकर जाएंगे।
आपको बता दें कि शहीद संदीप कालीरमण का जन्म गांव अटाली निवासी किसान परिवार नयनपाल कालीरमन के घर 12 फरवरी 1983 को हुआ था। वे 12वीं की परीक्षा पास करके 2005 में सेना में भर्ती हो गए। उनकी शादी गांव दयालपुर की गीता देवी से हुई। उनके तीन बच्चे बेटी लावण्या, जुड़वा बेटा रक्षित और रसित हैं। संदीप ने 33 वर्ष की आयु में 2019 में पुलवामा आतकंवादी सर्च अभियान के दौरान गोली लगने से शहादत दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संदीप सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।