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निर्माण के लिए 17 कंपनियां आगे आईं
इस महीने के अंत तक फाइनल होगी कंपनी
निर्माण में लगेगा एक साल
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 27 दिसंबर। गुरुग्राम के सेक्टर-17 और 18 को विभाजित कर रही सड़क पर लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से बरसाती नाला बनाया जाएगा। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की तरफ से आमंत्रित टेंडर में 17 कंपनियां आगे आई हैं। इन कंपनियों के दस्तावेज की जांच की जा रही है। इस माह के अंत तक इनमें से किसी एक कंपनी को टेंडर दे दिया जाएगा। बरसाती नाले का निर्माण एक साल के भीतर किया जाएगा।
ये मुख्य सड़क एक तरफ दिल्ली-जयपुर हाइवे से जुड़ी है तो दूसरी तरफ ओल्ड दिल्ली रोड से। करीब ढाई किलोमीटर लंबी इस सड़क के दोनों तरफ सेक्टर-17 की इफको कॉलोनी, सिरहौल गांव, सेक्टर-18 का औद्योगिक क्षेत्र है। मौजूदा समय में इस बरसाती नाले की हालत बदतर अवस्था में है। इस बरसाती नाले के ऊपर ही फुटपाथ बनाया हुआ है, जिसके ऊपर लोगों का आना-जाना होता है। फिलहाल किसी बड़े हादसे से बचाव को लेकर इस फुटपाथ को लोगों के आवागमन के लिए बंद किया हुआ है। बरसाती नाले की बदहाल अवस्था को लेकर नए सिरे से बरसाती नाला तैयार करने की योजना बनाई गई है।
दो मीटर चौड़ा होगा नाला
इस बरसाती नाले में दिल्ली-जयपुर हाइवे और एमजी रोड तक का पानी आता है। ऐसे में इस नाले को दो मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। इस नाले की गहराई करीब डेढ़ मीटर होगी।
बरसाती नाले पर बनी है दीवार
इस बरसाती नाले के ऊपर इफको कॉलोनी की दीवार बनी हुई है। इस दीवार की लंबाई करीब आधा किलोमीटर है। ऐसे में यदि बरसाती नाले का निर्माण होता है तो करीब छह फीट ऊंची इस दीवार को तोड़ना पड़ेगा। जीएमडीए की तरफ से इस सिलसिले में आरडब्ल्यूए को नोटिस दिया जा चुका है। आरडब्ल्यूए के साथ इस बरसाती नाले को छोड़कर सोसाइटी के अंदर की तरफ सड़क पर नए सिरे से बरसाती नाला तैयार करने की योजना बनाई जा रही है।
जीएमडीए के कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह कलकल के अनुसार सेक्टर-17-18 की मुख्य सड़क पर बरसाती नाला बदतर अवस्था में है। इसके बदले में नए सिरे से बरसाती नाला बनाया जाएगा। नवंबर माह में करीब 15 करोड़ रुपये की राशि के तहत टेंडर आमंत्रित किए थे। 17 कंपनियों ने इस टेंडर के तहत आवेदन किया है। इन कंपनियों के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद इस टेंडर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली उच्चस्तरीय खरीद समिति की बैठक में रखा जाएगा। ठेकेदारों से नेगोसिएशन के बाद किसी एक कंपनी को टेंडर आवंटित किया जाएगा।