विश्व के कण-कण में है शिव तत्व की थिरकन
ब्रह्मज्ञान के माध्यम से शिव तत्व भीतर प्रकट होता है
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 9 नवंबर। सेक्टर 10 में यूरो इंटरनेशनल स्कूल के पास स्थित हुडा ग्राउंड में आज से सात दिवसीय भगवान शिव कथा का भव्य आयोजन शुरू हुआ। इसका दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान गुरुग्राम द्वारा किया जा रहा है। शाम 5 से रात 8.30 बजे तक आयोजित इस कथा में हजारों श्रद्धालुओं ने शिव कथा का श्रवण किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ रुद्री पाठ के साथ वैदिक रीति से किया गया। इसके पश्चात यजमान परिवारों द्वारा विधि-विधानपूर्वक शिव महापुराण का पूजन संपन्न किया गया, जिसके द्वारा कथा की पवित्र शुरुआत हुई। कथा के प्रथम दिवस दिव्य गुरु आशुतोष महाराज के शिष्य कथा व्यास डॉ. सर्वेश्वर ने कथा माहात्म्य का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान शिव की महिमा तो ऐसी है जो देश काल की समस्त सीमओं से परे विश्व के कण-कण में समाहित है। आज केवल भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में भगवान शिव के असंख्य भक्त उनकी उपासना करते हैं। यदि विश्व की विभिन्न प्राचीन सभ्यताओं की ओर दृष्टिपात करें तो वहां भी भगवान शिव की उपासना के असंख्य प्रमाण मौजूद हैं। उदाहरणस्वरूप तुर्किस्तान के बेबीलोन शहर में एक हजार दो सौ फुट का एक विशाल शिवलिंग पाया गया है। स्कॉटलैंड में स्वर्णजड़ित एक विशाल शिवलिंग है। आयरलैंड के तारा हिल में एक बहुत पुराना शिवलिंग स्थापित है। दक्षिण अफ्रीका के ब्राज़ील शहर में अनेक शिवलिंग हैं। इसी प्रकार मेक्सिको, जावा, कम्बोडिया, सुमात्रा, नेपाल, भूटान, इटली, यूरोप आदि देशों में विभिन्न प्राचीन शिवलिंग होने के प्रमाण मिले हैं। ये सब साक्ष्य भगवान शिव की सर्वगम्यता व असीमित लोकप्रियता को ही दर्शाते हैं। बात करें भारत देश की, तो इतने विदेशी आक्रमणों के बाद भी यदि भारतीय संस्कृति प्रफुल्लित सांसें भर रही है तो इसका एकमात्र कारण है इसकी धमनियों में प्रवाहित होता शिव तत्व। या यूं कहें, भारत देश की तो आत्मा ही महादेव हैं। लेकिन अफसोस, आधुनिकता की अंधी दौड़ में दौड़ती भारत देश की संतानें आज शिव तत्व से कोसों दूर हो पतन की गहरी खाई में लुढ़कती चली जा रही हैं। आज समाज में व्याप्त हिंसा, वैमनस्य, मतभेद सब शिव तत्व का समाज से विलुप्तिकरण ही दर्शाते हैं।
प्रभु की यह पावन कथा उसी सनातन शिव तत्व को उजागर करने आई है। शिव तत्व को ब्रह्मज्ञान के माध्यम से घट में प्रकट करने आई है। ताकि शिव की संतानें “सत्यं शिवं सुंदरम्” के सूत्र का अनुसरण करते हुए इस मायायुक्त संसार में सत्य का वरण कर शिवपथ अर्थात् कल्याणकारी पथ पर आगे बढ़ें और अपने जीवन को सुंदर बना लें। कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से किया गया।
प्रथम दिवस के यजमान विनोद प्रकाश कोरीवाल व मंजू कोरीवाल (एवीएम मैनेजमेंट सर्विस) थीं। यजमानों के साथ-साथ अनेक विशिष्ट अतिथिगण धर्मपत्नी समेत एसवी गोयल (सीईओ एवं डायरेक्टर एमईटीएल-रिलायंस), त्रिलोक चंद अग्रवाल (अध्यक्ष, वैश्य समाज), पवन जिंदल (अध्यक्ष, दौलताबाद रोड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन), बबल उपाध्याय एवं बॉबी उपाध्याय, सुरिंदर वशिष्ठ, राकेश गुप्ता (महामंत्री, वैश्य समाज), नावेल सागर, राजेश सागर, सुरेंद्र वत्स एवं सुदेश वत्स, कमलेश्वर प्रसाद तिवारी (सेवानिवृत्त फ्लाइंग ऑफिसर), राजीव शर्मा (जीएसटी विभाग), रीना शर्मा एवं कु. महक शर्मा (KAN ITC CO), कैलाश शर्मा, देवकी नंदन अग्रवाल, प्रवीण गर्ग, अरुण अग्रवाल और एम.पी. गौतम भी सम्मिलित थे।



