
जागृति योजना 2025” के तहत नागरिकों को उनके विधिक अधिकारों और न्याय तक पहुंच के साधनों की दी गई विस्तृत जानकारी
टोल फ्री नंबर 15100 के माध्यम से भी मिल सकती है विधिक सहायता
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 20 जून। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम द्वारा “जागृतिः न्याय संबंधी जागरूकता हेतु आधारभूत सूचना और पारदर्शिता अभियान योजना: 2025” के अंतर्गत् एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन सेक्टर 15, भाग-2, गुरुग्राम में किया गया। यह शिविर उच्च न्यायालय, पंजाब एवं हरियाणा की न्यायाधीश तथा हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की कार्यकारी अध्यक्ष लीसा गिल के मार्गदर्शन और जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण गुरुग्राम के अध्यक्ष चंद्रशेखर के निर्देशन में आयोजित किया गया।
शिविर में अधिवक्ता दीपिका रानी तथा एसजीटी विश्वविद्यालय से पारा विधिक स्वयंसेवक के रूप में छात्रा कोमल और छात्र विशाल ने भाग लिया। इन सभी ने उपस्थित नागरिकों को विभिन्न विधिक अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
शिविर की शुरुआत में जागृति योजना 2025 के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया गया कि यह योजना सभी नागरिकों को न्याय तक सरल पहुंच प्रदान करने के लिए चलाई जा रही है। इसमें विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि नागरिकों और न्याय प्रणाली के बीच कोई अवरोध नहीं होना चाहिए, ताकि प्रत्येक व्यक्ति समय पर और उचित न्याय प्राप्त कर सके।
इसके पश्चात् मानव तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण की शिकार पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई योजना के बारे में जानकारी दी गई। इस योजना के अंतर्गत् पीड़ितों को उनके अधिकारों की जानकारी, गरिमा की रक्षा तथा निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, जिससे वे पुनः सामान्य जीवन में लौट सकें।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए वर्ष 2016 में आरंभ की गई विधिक सेवा योजना पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि वैयक्तिक कानूनों के अनुसार संतान का अपने माता-पिता की देखभाल करना अनिवार्य है। इसके साथ ही न्याय संहिता की धारा 144 (पूर्व में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125) के अंतर्गत् बुज़ुर्ग माता-पिता को भरण-पोषण का अधिकार प्राप्त है। घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत् माता अपने संतान के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर सकती है। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत संपत्ति से जबरन बेदखली के विरुद्ध तथा भरण-पोषण के लिए कानूनी संरक्षण उपलब्ध है।
शिविर में यह भी बताया गया कि नागरिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से कैसे संपर्क कर सकते हैं और उन्हें विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए किन माध्यमों का उपयोग करना चाहिए।
अंत में, उपस्थित लोगों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर 15100 के बारे में जानकारी दी गई, जिस पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति निरूशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है।
इस शिविर का उद्देश्य आमजन को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना, उन्हें न्याय तक पहुंच के साधनों से परिचित कराना तथा विधिक प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना था। इस अवसर पर लगभग 50 से 60 लोगों ने भाग लिया और विधिक जानकारी प्राप्त की।