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गुरुग्राम, 18 दिसंबर। गुरुग्राम ने धोखाधड़ी एक मामले में 40 वर्षीय वकील को गिरफ्तार किया है। आरोपी वकील ने फर्जी कागजात के आधार पर मृत व्यक्ति की जमीन बेच कर एक कंपनी से लाखों रुपये की धोखाधड़ी की थी। आरोपी वकील ने फर्जी कागजात के आधार पर मृतक के नाम से बैंक में खाता खुलवाया था और फ्रिज बैंक खाते को अनफ्रीज कराके उसमें 59.72 लाख रुपये निकाल लिए थे।
अभियोग का संक्षिप्त विवरणः 10.09.2024 को आर्थिक अपराध शाखा-दो से जांच के उपरांत एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसे पुलिस थाना शिवाजी नगर में दर्ज कराया गया। गुरुग्राम में एक्सिस बैंक शाखा सदर बाजार के मैनेजर ने बताया कि 28.12.2015 को एक व्यक्ति ने स्वयं को ओम प्रकाश बताकर एक्सिस बैंक शाखा पालम विहार में बैंक खाता खुलवाया। 30.12.2015 को उस खाते में 46 लाख 50 हजार रुपये की बड़ी राशि जमा हुई, जिसके कारण बैंक द्वारा 01.01.2016 को खाते को फ्रिज कर दिया गया। 04.10.2016 को यह बैंक खाता पालम विहार शाखा से सदर बाजार शाखा में ट्रांसफर करवा लिया गया। वर्ष-2018 में एंजेल बिल्टेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई कि उन्होंने जमीन खरीद के बदले ओम प्रकाश नामक व्यक्ति को 46.50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जबकि वास्तविक ओम प्रकाश की मृत्यु वर्ष 1993 में हो चुकी थी। जांच में यह सामने आया कि उक्त बैंक खाता वास्तव में नवीन राणा नामक व्यक्ति द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाया गया था। मई-2023 में आरोपी ने स्वयं को फिर से ओम प्रकाश बताकर एंजेल बिल्टेक प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित फर्जी सेल डीड प्रस्तुत की। इसके आधार पर फ्रिज बैंक खाते को अनफ्रीज करवाया गया। तत्पश्चात आरोपी ने खाते में जमा मूल राशि व ब्याज सहित कुल 59 लाख 72 हजार 608 रुपये को निफ्ट व ईएमपीएस के माध्यम से अपने वास्तविक बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया।
तथ्यों के आधार पर पुलिस थाना शिवाजी नगर में संबंधित धाराओं के तहत अभियोग अंकित किया गया। अभियोग का अनुसंधान आर्थिक अपराध शाखा-दो द्वारा की गई।
पुलिस ने पुलिस प्रणाली का प्रयोग करते हुए गहन जांच के आधार पर 17 दिसंबर को गुरुग्राम से आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान नवीन राणा (उम्र-40 वर्ष, शिक्षा एलएलबी) निवासी बजघेड़ा जिला गुरुग्राम (हरियाणा) के रूप में हुई।
आरोपी से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि…
वह मृत व्यक्ति ओम प्रकाश को जानता था, जिसकी मृत्यु वर्ष-1993 में हो चुकी थी।
उसने स्वयं को ओम प्रकाश बताकर बजघेड़ा स्थित उसकी जमीन को एंजेल बिल्टेक प्राइवेट लिमिटेड को बेचा।
उसने वर्ष-2015 में ओम प्रकाश के नाम से बैंक खाता खुलवाकर जमीन की राशि प्राप्त की।
बाद में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बैंक खाता ट्रांसफर कराकर वर्ष-2023 में इसने फर्जी सेल डीड के आधार पर खाते को अनफ्रीज कराकर पूरी राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर ली।
वह (आरोपी) वर्तमान में गुरुग्राम न्यायालय/कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस कर रहा है।
आरोपी को न्यायालय में पेश करके पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान आरोपी के अन्य साथियों की पहचान, अन्य संभावित धोखाधड़ी मामलों का खुलासा, ठगी की गई राशि एवं फर्जी दस्तावेजों की बरामदगी संबंधी विस्तृत पूछताछ की जाएगी। अभियोग का अनुसंधान जारी है।



