
गर्मियों में जंगली जानवरों को आबादी में आने से रोकने की कवायद
अरावली की पहाड़ियों में जानवरों के लिए होगी पानी की व्यवस्था
वन विभाग ने 70 जगहों का चयन किया
पानी की तलाश में तेंदुए और दूसरे जंगली जानवर पहुंच जाते हैं आबादी में
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 25 मार्च। गुरुग्राम में वन विभाग ने जंगली जानवरों की संख्या जानने के लिए एक सर्वे कराया है। सर्वे का उद्देश्य जंगली जानवरों को गर्मियों में पानी की तलाश में आबादी की तरफ आने से रोकना है। अरावली की पहाड़ियों जहां पर जंगली जानवरों की आबादी ज्यादा होगी वहां पर वन विभाग पानी के तालाब बनवाएगा। जिससे तेंदुए जैसे खतरनाक जंगली जानवर पानी की तलाश में आबादी की तरफ ना आए।
गुरुग्राम की मंगरवानी और अरावली की दूसरे इलाकों में बड़ी संख्या में तेंदुए और दूसरे जंगली जानवर हैं। गर्मियों के दौरान पानी की तलाश में यह जंगली जानवर आबादी में आ जाते हैं। जिससे आम लोगों को काफी खतरा होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग की तरफ से एक सर्वे कराया गया है। जिसमें यह मालूम करने की कोशिश की गई है कि अरावली की पहाड़ियों में कुल कितने जानवर हैं। यही नहीं जिन इलाकों में ज्यादा जीव जंतुओं की संख्या अधिक है वहां पर पानी के तालाब बनाए जाएंगे। जिससे जीव जंतुओं को अरावली की पहाड़ियों में ही आसानी से पानी मिल जाए और वे नीचे आबादी में ना आएं।
वन संरक्षक सुभाष यादव ने बताया कि जंगली जानवरों को गर्मियों में अपने आसपास ही पानी मिलने से वे आबादी की तरफ नहीं आएंगे। इससे वे हादसे का शिकार होने से भी बचेंगे। उन्होंने क्योंकि पिछले कुछ समय में यह भी देखा गया है कि तेंदुए और दूसरे जंगली जानवर पानी की तलाश में जब पहाड़ी से नीचे आते हैं तो वह दुर्घटना का भी शिकार बन जाते हैं। फिलहाल अरावली की पहाड़ियों में 70 ऐसे बिंदु सुनिश्चित किए गए हैं जहां पानी के तालाब बनाए जाएंगे जिससे जंगली जानवर पहाड़ी के ऊपर ही पानी पी सके।