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गुरुग्राम, 6 मई। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच इसे काफी अहम माना जा रहा है। वहीं, गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद हरियाणा में भी मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, हिसार, रोहतक, पंचकूला, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, झज्जर व यमुनानगर में वार मॉक ड्रिल होगी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री आज रात 8 बजे देश को संबोधित भी करेंगे। मॉक ड्रिल के दौरान एयर रेड सायरन से लेकर बिजली कटने के हालात को भी जांचा जाएगा। आमतौर पर किसी हमले, हादसे या आगजनी जैसी आपातकालीन स्थिति के लिए कैसी तैयारी है, यह जानने के लिए मॉक ड्रिल की जाती है।
गृह मंत्रालय के जनरल फायर सर्विस, सिविल डिफेंस एंड होम गार्ड और सिविल डिफेंस महानिदेशालय की ओर से 5 मई को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को इस संदर्भ में निर्देश भेजे गए थे।
इसमें देशभर के 244 सूचीबद्ध सिविल डिफेंस जिलों में सिविल डिफेंस का अभ्यास और रिहर्सल करने के निर्देश दिए गए हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान कई तरह के अभ्यास किए जाएंगे। जिनका उद्देश्य हवाई हमले की चेतावनी की कारगता देखना, कंट्रोल रूम का कामकाज देखना, आमजन व छात्रों को हमले के दौरान खास ट्रेनिंग देना शामिल है।
इस दौरान पूरे क्षेत्र में पूरी तरह से लाइटें बंद रखने के निर्देश दिए जा सकते हैं, जिससे ऐसी स्थिति में क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं इसका आंकलन किया जा सकता है।
मॉक ड्रिल के दौरान सिविल डिफेंस की प्रतिक्रिया और खतरे वाली जगह से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की ट्रेनिंग आदि भी शामिल हो सकती है।
निर्देश के अनुसार मॉक ड्रिल में डिस्ट्रिक्ट कंट्रोलर, जिले के अलग-अलग अधिकारी, सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स, होमगार्ड, एनसीसी, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक, नेहरू युवा केंद्र संगठन और स्कूल-कॉलेजों के छात्र भी शामिल हो सकते हैं।
सिविल डिफेंस के कानून के अनुसार गृह मंत्रालय के पास राज्यों को इस तरह के मॉक ड्रिल के लिए निर्देश देने का अधिकार होता है। मॉक ड्रिल के दौरान यह देखा जाता है कि किसी आपाकालीन स्थिति में लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होती है, इसके लिए चुनिंदा लोगों और स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग भी दी जाती है।



