
सेक्टर 45
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 25 मई। गुरुग्राम में देररात आई तेज आंधी और मूसलाधार बारिश ने नगर निगम के दावों की पूरी तरह से पोल खोल दी है। गुरुग्राम के कई इलाके जलमग्न हो गए और कई घंटों बाद भी वहां से अभी तक पानी की निकासी पूरी तरह से नहीं हो पाई। नगर निगम प्रशासन और राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह आए दिन गुरुग्राम की सड़कों पर उतरने के बाद इस मानसून में जलभराव से निपटने के दावे करते हैं। परंतु उन दावों के उलट जगह-जगह जलभराव होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने पहले ही गुरुग्राम सहित हरियाणा के कई जिलों में तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी दी थी। देर रात आई तेज आंधी के बाद हुई दो घंटे तक मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं कई इलाकों में सड़कों और गलियों में घुटनों तक भरे पानी ने प्रशासन की मानसून पूर्व तैयारियों की पोल खोल दी। देर रात हुई इस बारिश ने गुरुग्राम को जलमग्न कर दिया और दिल्ली-जयपुर हाईवे, खांडसा, नरसिंहपुर व सोहना रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर जलभराव के कारण जाम की स्थिति बन गई।




तमाम दावों के बीच एनएच 48 पर नरसिंगपुर में सर्विस लेन पर फिर से डेढ़ से दो फीट पानी भर गया। सुबह के समय लोग पानी से निकलते नजर आए तो कारें भी आधी डूबी दिखाई दी। इस प्वाइंट को लेकर जिला उपायुक्त से लेकर मंत्री तक ने अधिकारियों की जिम्मेदारी लगाई थी, लेकिन नगर निगम, जीएमडीए और एनएचएआई की सारी प्लानिंग पर तेज बारिश ने पानी फेर दिया।
अभी तक यहां सर्विस लेन से पानी की निकासी नहीं हो पाई है। वाटर लॉगिंग को लेकर होने वाली हर बैठक में इस प्वाइंट की चर्चा होती है, लेकिन यहां से मानसून पूर्व की बारिश का पानी भी नहीं निकाला जा सका है। ऐसे में मानसून में फिर से हालत बिगड़ने की संभावना है।
नगर निगम और गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) ने मॉनसून से पहले जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कई तैयारियों का दावा किया था। नवनियुक्त निगम कमिश्नर प्रदीप दहिया ने अधिकारियों को जलभराव के स्थायी समाधान के लिए निर्देश दिए थे। हालांकि, रात की बारिश ने इन दावों को बुरी तरह से उधेड़ कर रख दिया है। पुराना शहर और नए गुरुग्राम के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया।
वहीं, लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए, क्योंकि मॉनसून से पहले नालों की सफाई के दावे हकीकत में नाकाम साबित हुए।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के कारण गंदा पानी सड़कों पर बह रहा था, जिससे क्षेत्र में बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया। एक निवासी ने एक्स पर लिखा कि हर बारिश में गुरुग्राम डूब जाता है, फिर भी प्रशासन कुछ नहीं करता।
सेक्टर 10 इलाके में सुबह जब लोग घरों से बाहर निकले तो उन्हें सड़कों पर पानी भरा मिला। ज्ञान देवी स्कूल के पास एक ऐसा नाला है जो बच्चों के लिए भी काफी खतरनाक है। लोगों का कहना है कि एक साल से स्वच्छ भारत ऐप पर पोस्ट करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।


वहीं, तेज आंधी और बारिश में काफी संख्या में बिजली के खंभे और पेड़ गिर गए। जिसके कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और रास्ते ब्लॉक हो गए। शहर के पॉश इलाके डीएलएफ दो, डीएलएफ तीन में भी नुकसान हुआ है। फिलहाल बिजली निगम द्वारा क्षतिग्रस्त खंभों को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है।
सेक्टर 23ए में भी कई जगह जलभराव हो गया। जिसको निकालने के लिए कर्मचारी सुबह से जुट गए थे।
उधर, सेक्टर 45 में स्टॉर्म वाटर से नालों की सफाई और ट्रैक्टर माउंटेड पंप के बारे में कई गए दावे कहीं भी जमीन पर दिखाई नहीं दिए।