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शिकायतकर्ता महिला वकील के खिलाफ थाना सेक्टर 50 में दर्ज है मामला
मामला दर्ज होने के 2 दिन बाद दिल्ली पुलिस में दर्ज करवाई है जीरो एफआईआर
महिला वकील को मारपीट के मामले में जांच में किया गया था शामिल
महिला का मेडिकल करवाने के बाद किया गया था अन्य वकीलों के हवाले
महिला वकील के झगड़े के दौरान थाने में मौजूद सभी लोगों को बनाया गया है गवाह
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 25 मई। दिल्ली पुलिस में एक महिला वकील ने अपने साथ गुरुग्राम के एक थाने में यौन उत्पीड़न होने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज करवाई है। दिल्ली पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर इसे गुरुग्राम पुलिस को भेज दिया है। गुरुग्राम पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में एक एसआईटी का गठन किया है। महिला वकील पर भी गुरुग्राम के थाने में एक महिला सिपाही को ड्यूटी के दौरान थप्पड़ मारने और सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामला 21 मई का है। महिला मुख्य सिपाही सोनू ने सेक्टर-50 थाने में इस मामले में एक लिखित शिकायत दर्ज करवाइ थी। शिकायत में उसने बताया था कि आज शाम करीब 6.15 बजे मुख्य सिपाही अनूप ने एक दंपति को मेरे हवाले करते हुए बताया कि महिला थाना सेक्टर-51 से एक सूचना प्राप्त हुई थी कि इस महिला ने अपने पति व सास-ससुर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया हुआ है। उस मामले में महिला, उसके पति और सास-ससुर को महिला थाना सक्टर-51 में बुलाया गया था। जहां दोनों पक्षों को पुलिस कार्यवाही के बाद हिदायत देकर घर जाने के लिए कह दिया गया था। इसी दौरान थाने में ही महिला और उसके पति अंजलि का झगड़ा हो गया। इस झगड़े की सूचना थाना महिला सेक्टर-51 प्रभारी ने सेक्टर-50 थाने को दी। जिसके बाद दंपति को सेक्टर-50 थाने में लाकर आगामी कार्यवाही हेतु मेरे हवाले किया गया।
शिकायत में सोनू ने आगे कहा है कि वह थाने के महिला कक्ष में दोनों पक्षों को बैठाकर समझा रही थी, उसी समय एक महिला वकील अनीता कमरे में दाखिल हुई और बिना किसी का पक्ष सुने उसने उस महिला को थप्पड़ मार दिया। बीचबचाव करने पर महिला वकील ने मेरा गला पकड़कर मुझे अचानक से थप्पड़ मार दिया। महिला वकील यहीं नहीं रूकी उसने मुझे धक्का भी मारा। जिससे मैं कुर्सी से नीचे गिर गई। झगड़े की आवाज सुनकर एल/एएसअई ऊषा कमरे में आकर समझाने लगी तो वकील अनीता ने उनके साथ भी बतमीजी की। शोर सुनकर थाना सेक्टर-50 प्रभारी भी आ गए। प्रभारी के झगड़े का कारण पूछने पर वकील अनीता ने उनके साथ भी बतमीजी की और वकील होने का रौब झाड़ते हुए थाने को बंद करवाने, मुझे जान से मारने और मेरी नौकरी को खा जाने की धमकी भी दी। वकील अनीता ने साथ ही कहा कि तुम्हारे जैसे कितने ही पुलिस वालों को कोर्ट में सबक सिखा चुकी हूं। जिसके बाद वकील अनीता के खिलाफ थाना परिसर में लड़ाई-झगड़ा करने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने पर धारा 221, 121 (1), 132, 351 (3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद पुलिस ने नियमानुसार सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा अरुनेश कुमार बनाम स्टेट बिहार में दिए निर्देशों अनुसार वकील अनीता को अभियोग में शामिल अनुसंधान किया। वकील अनीता ने जिस समय वारदात को अंजाम दिया था, उस समय अपने कार्य से थाने में आए अन्य लोग भी उपस्थित थे, जो पूरी वारदात के साक्षी हैं। पुलिस ने उन लोगों के भी बयान दर्ज किए हैं। थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी पूरी वारदात कैद है। वकील अनीता का नियमानुसार मेडिकल परीक्षण भी करवाया गया था। इसके बाद थाने पहुंचे कुछ अन्य वकीलों को लिखित तौर पर महिला को दुरुस्त हालत में हैंड ओवर किया गया था।
वहीं, इस मामले में आरोपी वकील अनीता ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगा कर एक लिखित शिकायत दिल्ली पुलिस को दी थी। जिस पर दिल्ली पुलिस ने जीरो एफआईआर अंकित करके आगामी अनुसंधान के लिए गुरुग्राम पुलिस को भेजी है। गुरुग्राम पुलिस ने दोनों एफआईआर के साथ पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एसीपी सीएडब्यू सूरेंद्र कौर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है। पुलिस गहनता से पूरे मामले की जांच कर रही है।