
गुरुग्राम, 29 मई। सोहना में आज उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। 33 केवी कार्यालय पर बिजली कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की।
यूनियन प्रधान प्रेमपाल ने बताया कि आगरा में बिजली के निजीकरण से पावर कॉर्पाेरेशन को हर साल करीब 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस आदेश को अलोकतांत्रिक और तानाशाही पूर्ण बताया। प्रेमपाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि सीएम आए दिन ऊर्जा निगम के कर्मियों की प्रशंसा करते रहते हैं, लेकिन अब उन्हीं कर्मचारियों को अलोकतांत्रिक तरीके से दबाया जा रहा है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि निजीकरण प्रदेश, कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं होगा, विरोध जारी रहेगा। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप है कि सरकार दमन नीति अपना रही है। प्रदर्शन में कर्मचारी नेता सतबीर प्रधान, विजय अजीत सिंह और ओम प्रकाश भी मौजूद थे।