
जिला आपदा प्रबंधन कमेटी की हुई बैठक
गुरुग्राम, 23 जनवरी। पुलिस आयुक्त कार्यालय में आज जिला आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने की। बैठक में उपायुक्त अजय कुमार सहित अन्य उच्च अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे। इस दौरान जिला स्तर पर आपदाओं से निपटने के लिए मौजूद तैयारियों का जायजा लिया गया और आवश्यक उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई। पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा व उपायुक्त अजय कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि आपदा प्राकृतिक व कृत्रिम किसी भी प्रकार की हो सकती है। इसमें भूकंप, बाढ़ के अलावा बम ब्लास्ट, रसायन रिसाव व आतंकी हमला जैसी कोई भी अप्रिय घटना शामिल है। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए जिला स्तर पर तैयारी जरूरी है। आपदा नियंत्रण में समयबद्ध तरीके से निदान अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेवारी की जानकारी पहले से ही होनी चाहिए। इससे टीम बनाकर काम करने में सहयोग मिलता है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में इमरजेंसी रिस्पॉस व्हीकल भी तैयार किया जाएगा। इसमें आपदा के समय इस्तेमाल होने वाली सभी जरूरत के उपकरण उपलब्ध होंगे। जिला प्रशासन की ओर से इंसिडेंट रिस्पांस सिस्टम(आइआरएस) तैयार किया जा रहा है। इससे आपदा के समय किसी भी अप्रिय घटना में अधिकारी रिस्पांस सिस्टम के अनुसार कार्य कर सकेंगे।डीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र विज ने बताया कि जिले में कुल 1200 ट्रैफिक कर्मी हैं। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग पर 24 घंटे सेवाएं देने वाले कर्मचारी शामिल हैं। वह सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी आपदा के समय वह मौके पर मौजूद रहे। इसी तरह ट्रैफिक कंट्रोल रूम, क्रेन, बैरिकेड जैसे संसाधन आपदा में इस्तेमाल करने के लिए मौजूद हैं। इसके अलावा होम गार्ड की सेवाएं राहत कार्य में ली जाती है। विंग कमांडर दिनेश यादव ने बताया कि उनके पास दो डोमेस्टिक फायरटिंडर, 12 प्रशिक्षित कर्मी हैं।सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन मोहित शर्मा ने जानकारी दी कि 300 स्वयंसेवी उनके साथ जुड़े हैं। एसडीआरएफ के डीसीपी अशोक ने बताया कि उनकी टीम में करीब 600 पुलिस सहयोगी हैं। वह किसी बिल्डिंग के गिरने, राहत कार्य व सर्च ऑपरेशन जैसे कार्य करने में निपुण हैं। इसके अलावा करीब 164 मास्टर ट्रेनर हैं। ट्रेनिंग हाऊस फिलहाल निर्माणाधीन है। जल्द इसका कार्य पूरा होने की उम्मीद है। ऐसे में जिला स्तर पर ज्यादा लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। पुलिस आयुक्त व उपायुक्त ने कहा कि वह किसी भी समय मॉक ड्रिल के जरिए सभी दिशा-निर्देशों की तैयारी जांचने के लिए आदेश दे सकते हैं। ऐसे में सभी संबंधित विभागअपने स्तर की तैयारी पूरी रखें। इस दोरान अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, डीटीपी व अन्य सबंधित विभागों की तैयारियों का जायजा लिया गया। पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा व उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि आपदा के समय सरकारी संसाधनों के साथ साथ निजी क्षेत्र में मौजूद विकल्प भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।अधिकारी सुनिश्चित करें कि शहर में निजी क्षेत्रों के पास उपलब्ध संसाधनों की जानकारी भी आपदा प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के पास मौजूद हो। आपदा का प्रकार और स्थिति अनुसार इनका भी इस्तेमाल सुनिश्चित करें। आईबी के सहायक निदेशक नरेश सारस्वत ने कहा कि आपदा के समय जरूरी है कि राहत घर या कैंप, ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सेवी व वायरलैस संपर्क संसाधन पहले से सुनिश्चित हो।आपदा प्रबंधन की जिला प्रोजेक्ट अधिकारी पूनम ने बताया कि उनके साथ 300 आपदा मित्र जुड़े हैं। इसमें से 20 आपदा मित्र इस गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे। यह किसी भी आपदा पर काबू पाने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं। सभी आपदा मित्रों ने 23 जनवरी को कर्तव्य पथ पर हुई फुल ड्रेस रिहर्सल में हिस्सा लिया है। डिजास्टर रिस्पांस टीम पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस विभाग में डिजास्टर रिस्पांस टीम तैयार की जा रही है। कुल 104 पुलिसकर्मी हिस्सा होंगे। इसमें से 35 फिलहाल प्रशिक्षण पर हैं। इसके अलावा आपदा मित्र भी इसी प्लानिंग के तहत प्रशिक्षण हासिल करेंगे।