
बिहार को डबल इंजन सरकार का खूब मिल रहा फायदा, बिहार की ऊर्जा जरूरत सस्ते में होगी पूरी
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने देश के छह राज्यों में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर लगाने की दिशा में बढ़ाया कदम
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिहार में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने का किया ऐलान
कहा, बिहार सरकार की मांग पर हम परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए हर सहायता देने को तैयार
Bilkul Sateek News
नई दिल्ली। डबल इंजन सरकार का बिहार को भरपूर फायदा मिल रहा है। सूबे की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्रदेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने में भरपूर मदद का ऐलान किया है। इसके साथ ही राज्य में पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज पटना में ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस आशय का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि देश की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब देश में छह स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) स्थापित किए जाएंगे। जिनमें से एक रिएक्टर बिहार में लगाया जाएगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार में परमाणु संयंत्र लगाने के लिए हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाए बिहार, केंद्र मदद को तैयार
मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से सम्मेलन के दौरान राज्य में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की मांग रखी गई थी। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने हरी झंडी दे दी है। खट्टर ने कहा, “अगर बिहार सरकार परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहती है, तो केंद्र सरकार पूरी तरह से सहयोग देने के लिए तैयार है।”
हर राज्य में परमाणु संयंत्र का लक्ष्य
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार का लक्ष्य है कि हर राज्य में कम से कम एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश की विकास दर बढ़ रही है, वैसे वैसे बिजली की मांग भी बढ़ रही है। ऐसे में परमाणु ऊर्जा एक भरोसेमंद, टिकाऊ और दीर्घकालिक विकल्प है।
क्या है एसएमआर? कैसे बदलेगा बिहार का भविष्य?
एसएमआर यानी स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर, आधुनिक तकनीक से तैयार छोटे आकार के परमाणु रिएक्टर होते हैं जिन्हें पारंपरिक रिएक्टरों की तुलना में कम समय, कम लागत और ज्यादा सुरक्षा के साथ लगाया जा सकता है। एसएमआर को कम आबादी वाले क्षेत्रों या मध्यम ऊर्जा खपत वाले इलाकों में भी आसानी से लगाया जा सकता है। इनका रखरखाव आसान होता है और यह ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन का एक मजबूत विकल्प हैं। बिहार में एसएमआर की स्थापना से राज्य को स्थायी ऊर्जा स्रोत, तकनीकी निवेश, हजारों रोजगार और उद्योगों को नई ऊर्जा मिलने की संभावना है।
बिहार के लिए ऐतिहासिक अवसर
राजधानी पटना में आयोजित ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन बिहार के लिए ऐतिहासिक रहा। यह पहली बार होगा जब बिहार में कोई परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा। इसे राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। अब सभी की निगाहें बिहार सरकार पर हैं कि वह इस प्रस्ताव को कैसे और कितनी जल्दी अमलीजामा पहनाती है।