
तिलक राज मल्होत्रा की पत्नी है भाजपा प्रत्याशी राजरानी
कांग्रेस प्रत्याशी सीमा पाहुजा भी पुरानी भाजपाई
भाजपा के पास मजबूत संगठन और संघ की शक्ति
प्रदेश में भाजपा सरकार होने से लाभ की स्थिति में राजरानी
गुरुग्राम में है पंजाबी मतदाताओं की ज्यादा संख्या
पंजाबी बिरादरी का एक बड़ा वर्ग तिलक के साथ
गुरुग्राम में कांग्रेस का लचर संगठन
पति बंटी पाहुजा की छवि का लाभ मिल सकता है सीमा पाहुजा को
खुद भी दो बार पार्षद रह चुकी है सीमा
सीमा को जगाना हो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह
वैश्य समाज का झुकाव भी तय करेगा प्रत्याशी का भाग्य
गुड़गांव नगर निगम के मेयर पद का चुनाव बहुत ही रोचक स्थिति में होने वाला है। लगभग 9 लाख मतदाताओं की निगम की इस सीट पर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही अपने सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने जहां अपने पुराने कार्यकर्ता और आरएसएस पृष्ठभूमि से जुड़े तिलक राज मल्होत्रा की पत्नी राजरानी मल्होत्रा को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने भाजपा की ही तर्ज पर पंजाबी प्रत्याशी सीमा पाहुजा को मैदान में उतार दिया है। कुछ समय पहले तक सीमा पाहुजा भाजपा से ही पार्षद थी। हाल में ही हुए विधानसभा चुनाव में सीमा पाहुजा व उसके पति बंटी आहूजा ने पुराने भाजपा कार्यकर्ता नवीन गोयल के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ रहे नवीन गोयल के साथ जुड़ गए थे।
गुड़गांव शहर मूल रूप से पंजाबी मतदाताओं का शहर माना जाता है और जीत हार का समीकरण तय करने में पंजाबियों यहां बहुत बड़ा हाथ माना जाता है।
दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशी पंजाबी होने के कारण यह मुकाबला बहुत ही रोचक स्थिति में हो सकता है। प्रदेश में सरकार, मजबूत संगठन और आरएसएस से जुड़े होने के साथ-साथ राज रानी के पति तिलक राज मल्होत्रा के पीछे पंजाबी बिरादरी के एक बड़े वर्ग का हाथ होने से भाजपा यहां मजबूत स्थिति दिखाई दे रही है। दूसरी तरफ सीमा पाहुजा भी पंजाबी समुदाय से आती है और लगातार दो बार पार्षद भी रह चुकी है। बंटी पाहुजा सामाजिक तौर पर अच्छा रसूक रखते हैं इसके साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता इस समीकरण में महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं, हालांकि कांग्रेस के पास संगठन नहीं है इसका नुकसान पार्टी को हो सकता है। लेकिन दोनों प्रत्याशी निजी तौर पर मतदाताओं को अपनी तरफ कितना खींच सकते हैं, यही उनकी हार और जीत का समीकरण बनेगा।
उधर, वैश्य समाज भी इस चुनाव में बहुत बड़ा रोल अदा कर सकता है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में और उसके बाद अब निगम चुनाव में वैश्य समाज की भागीदारी ना होने के कारण यह समाज नाराज-सा दिखाई दे रहा है। वैश्य समाज किस करवट बैठेगा, उससे भी निगम चेयरमैन का चुनाव प्रभावित होगा।
गुड़गांव नगर निगम में है 36 वार्ड
भाजपा ने गुड़गांव नगर निगम के 36 वार्ड में 11 यादव 5 ब्राह्मण, चार जाट और चार गुर्जर नेताओं को टिकट दिया है। अध्यक्ष की टिकट के अलावा निगम में पंजाबी प्रत्याशियों की संख्या काफी कम है, जिससे न केवल पंजाबी समाज बल्कि वैश्य समाज भी सकते में है। ऐसी स्थिति में यह दोनों समाज चुनाव पर कितना असर डाल सकते हैं यह तो आने वाला 2 मार्च ही बताएगा।
वहीं, तिलक राज मल्होत्रा 2000 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुनाव लड़ चुके हैं, जबकि सीमा पाहुजा दो बार पार्षद रह चुकी हैं।
गुरुग्राम नगर निगम एक नजर
– नगर निगम का गठन साल 2008 में हुआ
– निगम का पहला चुनाव 2011 में हुआ
– तीन विधानसभा क्षेत्र में फैले नगर निगम में हैं 36 वार्ड
– 8,97,905 मतदाता चुनेंगे मेयर
– 721 पोलिंग बूथ बनाए गए
– मेयर का पद बीसी-ए की महिला के लिए आरक्षित
