
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 23 अप्रैल। राष्ट्रीय एकता और भाईचारे मिशन के संस्थापक अध्यक्ष राकेश सप्रू ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले निर्दाेष लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी शब्द उनके दर्द को कम नहीं कर सकता, लेकिन एक राष्ट्र के रूप में, हम दुख की इस घड़ी में हम उनके साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं। उनका नुकसान सिर्फ व्यक्तिगत नहीं है, यह पूरे देश का नुकसान है।
सप्रू ने कहा कि बिना किसी हिचकिचाहट के यह कहा जाना चाहिए कि किसी का धर्म पूछना या निर्दाेष लोगों पर हमला करना कभी भी किसी कारण को उचित नहीं ठहरा जर सकता है। ये क्रूर कृत्य न तो हमारे राष्ट्र के संकल्प को हिला पाएंगे और न ही सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर पाएंगे। इस हमले ने एक बार फिर एक कड़वी सच्चाई को उजागर किया है, आतंकियों का कोई धर्म नहीं है, कोई मानवता नहीं है और उनकी बर्बरता का कोई औचित्य नहीं है।
राकेश सप्रू ने कहा कि कश्मीर में शांति और विकास को बाधित करने का यह कायराना प्रयास कुछ और नहीं बल्कि उन लोगों की हताशा भरी हरकत है, जो लड़ाई हार रहे हैं। उनका प्रचार विफल हो रहा है, उनकी कहानी ढह रही है और खासकर घाटी में लोग अराजकता के बजाय शांति और विभाजन के बजाय एकता को चुन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये भी स्पष्ट है कि शांति और आतंक एक साथ नहीं चल सकते। हम ऐसी आतंकी कृत्यों को बर्दाश्त करते हुए सामान्य स्थिति की उम्मीद नहीं कर सकते। एक विकासशील और दृढ़ राष्ट्र के रूप में हमें अब कठोर कानून लाने चाहिए जो त्वरित न्याय सुनिश्चित करें और किसी भी रूप में आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करें।
राकेश सप्रू ने कहा कि अब समय आ गया है कि पूरा देश राजनीति, धर्म और विभाजन से ऊपर उठकर एक स्वर में बोले। एक ऐसी आवाज जो स्पष्ट संदेश देती हो कि भारत को डराया नहीं जा सकता और कश्मीर को अस्थिर नहीं किया जा सकता। हम पीड़ितों, उनके परिवारों और हर उस नागरिक के प्रति बहुत आभारी हैं जो एक शांतिपूर्ण व एकजुट राष्ट्र का सपना देखता है।