
प्रधानमंत्री मोदी के सहकार से समृद्धि संकल्प को रफ्तार देगी नई राष्ट्रीय नीति
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गरीब को देश के अर्थतंत्र का मजबूत भागीदार बनाने की तैयारी
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 25 जुलाई। सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत मिशन में ‘सहकार से समृद्धि’ के संकल्प को राष्ट्रीय सहकारिता नीति के माध्यम से रफ्तार दी जाएगी। यह नीति वर्ष 2034 तक देश के सहकारिता क्षेत्र की जीडीपी में तीन गुणा वृद्धि सुनिश्चित करेगी, जिसमें हरियाणा भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गरीब, वंचित को अपार अवसरों व संभावनाओं के साथ देश के अर्थतंत्र का मजबूत भागीदार बनाया जाएगा।
प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कल देर शाम गुरुग्राम में लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी (लिनाक) व सहकार भारती के तत्वावधान में सहकार कार्यकर्ताओं व विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों के दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का उद्घाटन किया। सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि देश में लंबे समय से सहकार आंदोलन मृतप्राय स्थिति में पहुंच गया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय के गठन व सहकार से समृद्धि के आह्वान के साथ जीवंत करते हुए गति प्रदान की है। वर्ष 2021 में नए मंत्रालय के साथ-साथ राष्ट्रीय व प्रादेशिक स्तर पर सुनियोजित प्रयासों का नतीजा है कि आज देश में सहकार आंदोलन न केवल चर्चा में है, अपितु देश के अर्थतंत्र को रफ्तार देने, युवाओं, महिलाओं, किसानों को आत्मनिर्भरता की दिशा में उज्ज्वल भविष्य के तौर पर कदम बढ़ा रहा है। वीरवार को ही केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा राष्ट्रीय सहकारिता नीति के लिए आभार व्यक्त करते हुए सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि सहकार से समृद्धि के संकल्प में यह नीति ऐतिहासिक कदम साबित होने जा रही है। उन्होंने कहा कि आणंद में देश के पहले सहकारिता विश्वविद्यालय की नींव रखे जाने और राष्ट्रीय सहकारिता नीति लागू होने से देशभर में दूरदर्शिता, व्यवहारिकता व परिणाम आधारित निर्णयों के माध्यम से वर्ष 2034 तक देश मे सहकार आंदोलन की जीडीपी तीन गुणा बढ़ने जा रही है।
सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि सहकारिता नीति के केंद्र में गांव, कृषि, ग्रामीण महिलाएं, दलित, युवाओं को प्राथमिकता पर अपार अवसर प्राप्त होंगे। पर्यटन से लेकर परिवहन, बीमा क्षेत्र से लेकर हरित क्षेत्र जैसे उभरते क्षेत्रों में सहकारी इकाइयों की भागीदारी होने से इनसे जुड़े करोड़ों सहकार बन्धुओं को लाभ पहुंचेगा। इससे एक बड़ा व मजबूत सहकारी इकोसिस्टम तैयार होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी नीति के तहत राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से हर तहसील में 5-5 मॉडल सहकारी गांव विकसित करने के लक्ष्य पर काम किया जाएगा, ताकि ग्राम्य जीवन में आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त बनाया जा सके। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व की सरकार राष्ट्रीय सहकारिता नीति में स्थानीय आवश्यकताओं को स्थान देते हुए शीघ्र लागू करते हुए सभी भागीदार संगठनों के साथ मिलकर काम करेगी और देश की अर्थव्यवस्था व लक्ष्यों के अनुरूप अपना योगदान देना सुनिश्चित करेगी। सहकार भारती के संरक्षक एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डीएन ठाकुर ने सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश में आने वाले समय में तहसील से लेकर गांव स्तर पर सहकारिता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि राष्ट्रीय सहकारिता नीति की भावना से जन-जन को जोड़ते हुए भागीदार बनाया जा सके। इस अवसर पर अकादमी के महानिदेशक डॉ. मनोज कुमार और विभिन्न सहकार संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।