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गुरुग्राम, 10 अगस्त। गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर नौकरी लगवाने, कर्मचारियों का ट्रांसफर करवाने के नाम पर रुपये ऐंठने तथा फर्जी आर्म्स लाइसेंस रखने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। 12वीं पास आरोपी फर्जी आईएएस अधिकारी होने का रोब दिखाते हुए रुपये ऐंठने व ठगने की वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस ने आरोपी के पास से 2 आईडी कार्ड, 1 आईडी कार्ड डोरी, 1 डोरी, 1 एनवेलप पत्र, 1 फर्जी आर्म्स लाइसेंस, 6 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 1 वॉकी टॉकी सेट, 1 आयुष्मान कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 एटीएम कार्ड, 1 पैन कार्ड, 1 पासपोर्ट, 2 मोहर, 1 लाल व नीली बत्ती, 2 लाख 50 हजार रुपये नगद और 1 कार भी बरामद की है।
पालम विहार थाना पुलिस को सूत्रों से एक सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति अपने आप को आईएएस बताकर लोगों से रुपये ऐंठता है और फर्जी सरकारी गाड़ी के साथ अपने किराये के मकान में मौजूद है।
थाना प्रभारी बिजेंद्र की टीम ने तुरंत मौके पर छापा मारा तो मकान के द्वितीय तल के बरामदे में एक व्यक्ति खड़ा था जो पुलिस को आता देखकर छत की तरफ भागने लगा। पुलिस ने तुरंत उसको पकड़ लिया। पुलिस के पूछने पर उसने अपना नाम जय प्रकाश पाठक (उम्र 31 वर्ष, शिक्षा 12वीं) निवासी गांव रघुईपुर जिला प्रतापगढ़ (उत्तर-प्रदेश) बताया।
पुलिस ने उसके कमरे का निरीक्षण किया तो वहां मेज से 2 आईडी कार्ड, 1 आईडी कार्ड डोरी जिस पर गृह मंत्रालय लिखा हुआ था, 1 एनवेलप पत्र जो अतिरिक्त निरीक्षक के स्थानांतरण से संबंधित है, फर्जी आर्म्स लाइसेंस, 6 मोबाइल , 1 लैपटॉप, 1 वॉकी टॉकी सेट, 1 आयुष्मान कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 एटीएम कार्ड, 1 पैन कार्ड, 2 आईडी कार्ड, 1 पासपोर्ट, 2 मोहर, 1 लाल व नीली बत्ती, 2 लाख 50 हजार रुपये नगद तथा घर के बाहर खड़ी 1 कार, जिसके आगे-पीछे भारत सरकार लिखा हुआ था बरामद की।
पुलिस ने फर्जी अधिकारी बनकर व फर्जी सरकारी गाड़ी और फर्जी आर्म लाइसेंस रखने व लोगों से पैसे ऐंठने पर आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। पुलिस द्वारा आरोपी को कल अदालत में पेश करके 2 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है।
पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान पूछताछ में पता चला कि वह खुद को गृह मंत्रालय में आईएएस बताकर लोगों को नौकरी लगवाने, कर्मचारियों का ट्रांसफर करवाने व आईएएस पद का रोब दिखाते हुए उनसे पैसे ऐंठता था और खुद के व परिवार के शौक पूरे करता था।
अपराधिक रिकॉर्ड के अवलोकन से पाया गया कि आरोपी पर फर्जी अधिकारी और किसी बड़े अधिकारी का खास बनकर ठगी करने के संबंध में 1 मामला उत्तर-प्रदेश में भी दर्ज है। पुलिस आरोपी के पूरे अपराधिक इतिहास की गहनता से जांच कर रही है।