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गुरुग्राम, 21 अक्टूबर। गुरुग्राम मेट्रो के दूसरे चरण के निर्माण को लेकर एक बार फिर दोनों राव आमने-सामने आ सकते हैं। राव नरबीर सिंह ने एक पत्र लिखकर इसके निर्माण कार्य पर पेंच फंसा दिया है। यदि पॉवर, हाउसिंग एंड अरबन अफेयर मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राव नरबीर सिंह की इस मांग को मान लिया तो माना जा रहा है दूसरा मेट्रो का दूसरा चरण पूरी तरह से पटरी से उतर जाएगा और इसके निर्माण में लगभग 3 साल की देरी तो होगी ही इसकी लागत भी दोगुना हो जाएगी। गुरुग्राम के सांसद और केंद्र में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह पहले ही मेट्रो के दूसरे चरण की देरी पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गुरुग्राम मेट्रो के दूसरे चरण का भूमि पूजन 5 सितंबर को किया था। जिसमें खट्टर और राव नरबीर सिंह भी शामिल हुए थे, जबकि राव इंद्रजीत सिंह इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे।
मेट्रो विस्तार परियोजना के दूसरे चरण के भूमि पूजन के बाद राव इंद्रजीत ने इसके निर्माण में देरी के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की थी। राव इंद्रजीत ने कहा था कि 2018 से वे इस प्रोजेक्ट को लेकर घूम रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कई बार उन्हें बताया गया कि केंद्र सरकार के पास यह प्रोजेक्ट अटका हुआ है। जब वे हरदीप पुरी से पूछते तो उन्हें जवाब मिलता कि ऐसा कोई प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए आया ही नहीं। इस पर सख्त रुख अपनाए और देरी के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है।
इसके बाद राव नरबीर ने इस पर सफाई देते हुए प्रोजेक्ट में देरी के लिए किसी को दोषी ठहराने के बजाय टेक्निकल कन्फ्यूजन को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। आधारशिला रखने के बाद भी डीपीआर को लेकर कुछ कन्फ्यूजन था, जिसके कारण परियोजना में देरी हुई। यह फाइल केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के पास थी। अब केंद्रीय ऊर्जा एवं आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के मंत्रालय से संबंधित है। डीपीआर से संबंधित भ्रम दूर होने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में परियोजना का भूमि पूजन किया, और अब यह प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है।
बढ़ेगी लागत
कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने फेज-2 के तहत सेक्टर-9 से लेकर साइबर सिटी तक की लाइन को अंडरग्राउंड करने का सुझाव दिया है। बताया जा रहा है इस सुझाव को फिलहाल होल्ड पर रख दिया गया है। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड की तकनीकी और वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, इस बदलाव से प्रोजेक्ट के पूरा होने में करीब तीन साल की देरी का अनुमान है। परियोजना की लागत भी 350 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर 600-650 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर हो जाएगी। जीएमआरएल अधिकारियों का कहना है कि लागत बढ़ने के साथ-साथ टेंडर, डिजाइन में बदलाव और मंजूरी मिलने में भी देरी हो सकती है। इस प्रस्तावित अंडरग्राउंड रूट की रिपोर्ट प्रदेश सरकार को अंतिम फैसले के लिए सौंपी जाएगी। रिपोर्ट मिलने के बाद ही सरकार यह तय करेगी कि अतिरिक्त लागत को कैसे वहन किया जाए।

क्या लिखा है राव नरबीर ने अपने पत्र में
राव नरबीर सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि सेक्टर 9 और साइबर सिटी के बीच का कॉरिडोर घनी आबादी एरिया वाला है और सड़कें संकरी हैं। इसलिए मेट्रो लाइन को दिल्ली की तर्ज पर अंडरग्राउंड बनाया जाए।
उन्होंने आगे लिखा है कि दुनिया भर में घनी आबादी वाले इलाकों में मेट्रो लाइन को अंडरग्राउंड बनाना एक आम बात है। मैंने यह रूट शहर की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सुझाया है। अगर भविष्य में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए कोई फ्लाईओवर या दूसरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत पड़ती है, तो उसे बिना किसी रुकावट के बनाया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि एलिवेटेड ट्रैक से बड़ी संख्या में पेड़ काटने पड़ेंगे, जिससे पर्यावरण को नुकसान होगा। अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट में पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने जून 2023 में गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। यह प्रोजेक्ट मिलेनियम सिटी सेंटर और साइबर सिटी के बीच 28.5 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें द्वारका एक्सप्रेसवे तक एक और रास्ता भी शामिल है, जिसके सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। जीएमआरएल बोर्ड ने गुड़गांव रेलवे स्टेशन तक 1.8 किलोमीटर लंबा एक और रास्ता बनाने की भी मंजूरी दे दी है, ताकि लोगों को आने-जाने में आसानी हो।
मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 28.05 किलोमीटर में 27 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन होंगे। पहले चरण में मिलेनियम सिटी मेट्रो स्टेशन, सेक्टर-45, साइबर पार्क, सेक्टर 47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72 ए, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-6, सेक्टर-10, सेक्टर-37, बसई गांव, सेक्टर-9, बसई से द्वारका एक्सप्रेसवे (सेक्टर 101) का निर्माण कार्य शामिल है। पहले चरण में मेट्रो निर्माण का ठेका दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड और रंजीत बिल्डकॉन लिमिटेड को दिया गया है। कंपनी को कास्टिंग यार्ड/ बैचिंग प्लांट बनाने के लिए नाहरपुर रूपा गांव (ट्रांसपोर्ट नगर) में करीब पांच हेक्टेयर जमीन अस्थाई तौर पर दी हुई है। कंपनी गर्डर, एलिवेटेड गर्डर समेत अन्य स्ट्रक्चर बनाने के लिए प्लांट स्थापित करेगी।
फेस दो के तहत सेक्टर-9 से लेकर दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित डीएलएफ साइबर सिटी तक मेट्रो कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। मेट्रो निर्माण को लेकर भू तकनीकी सर्वे किया जा चुका है। पुरानी डीपीआर के तहत दूसरे चरण में मेट्रो के 13 स्टेशन बनने थे, लेकिन नई डीपीआर में रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशन शामिल होने के बाद 14 स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। नई डीपीआर को मंजूरी के लिए शहरी आवास मंत्रालय को भेजा जा चुका है।



