
सर्वाधिक 15 पंजीकृत एजेंट गुरुग्राम में
पुलिस के पास कार्रवाई करने का कोई वैद्य कानून नहीं
गुरुग्राम, 10 फरवरी। विदेश भेजने के लिए प्रदेश हर जिले में फर्जी एजेंटों ने दुकानें खोल रखी हैं, लेकिन इनमें से 95 फीसदी एजेंट बिना लाइसेंस के ही काम कर रहे हैं। पुलिस के पास कार्रवाई करने के लिए कोई वैद्य कानून नहीं है, जिसके कारण फर्जी एजेंट फायदा उठाते हैं। जल्द ही ऐसे एजेंटों पर शिकंजा कसने के लिए नया एक्ट लाया जाएगा।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार हरियाणा में 38 पंजीकृत एजेंट हैं। इसके अलावा अन्य सभी अवैध तरीके से विदेश भेजने का काम कर रहे हैं। प्रदेश में एक हजार से ज्यादा ऐसे एजेंट या दुकानें या दफ्तर हैं जो विदेश भेजने का गोरखधंधा कर रहे हैं। प्रदेश में आठ जिले ऐसे हैं, जहां पर एक भी पंजीकृत एजेंट नहीं है। यहां सभी बिना लाइसेंस के ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा सात जिले ऐसे हैं, जहां पर महज एक ही एजेंट पंजीकृत है। वहीं करनाल, पंचकूला और पानीपत सहित तीन जिलों में दो-दो तो अंबाला व हिसार में तीन-तीन एजेंटों के पास वैध लाइसेंस हैं। सर्वाधिक 15 पंजीकृत एजेंट गुरुग्राम में हैं, इनमें से भी आधे एजेंटों के लाइसेंसों की वैधता समाप्त हो चुकी है, ये सभी बिना नवीनीकरण लाइसेंस के विदेश भेजना काम कर रहे हैं। लाइसेंस होने पर भी फर्जी से काम करने पर हिसार के एक एजेंट का लाइसेंस विदेश मंत्रालय की ओर से निलंबित भी किया जा चुका है। इन पंजीकृत 38 एजेंटों में से भी 13 के लाइसेंस निष्क्रिय हैं । इनमें 12 के लाइसेंस की वैधता समाप्त हो चुकी है और एक का रद्द है। चंडीगढ़ में 41 और पंजाब में 18 एजेंट पंजीकृत हैं। देश में हरियाणा पंजीकृत एजेंटों की संख्या में 13वें पायदान पर है। हरियाणा 38, पंजाब 18 एजेंट पंजीकृत हैं।
प्रदेश में पंजीकृत 36 इमीग्रेशन कंपनियों में कुछ कंपनियों के शह पर फर्जी इमीग्रेशन की दुकानें चल रही है। इस मामले में पुलिस के पास कार्रवाई करने का कोई वैद्य कानून नहीं होने कारण फर्जी एजेंट फायदा उठाते हैं। एसआईटी विभाग का कहना है कि प्रदेश में जल्द ही फर्जी इमीग्रेशन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर नया एक्ट लागू होने वाला है। इसके बाद प्रदेश के प्रत्येक जिलों में संचालित इमीग्रेशन कंपनियों की जांच होगी।