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चंडीगढ़, 29 जुलाई। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए “वोकल फॉर लोकल” मंत्र को अपनाना अनिवार्य है। इसी दिशा में लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने हेतु राज्यों में उद्योग विभाग के अंतर्गत एमएसएमई निदेशालय की स्थापना की गई है।
राव नरबीर सिंह आज यहां हरियाणा सिविल सचिवालय स्थित एनआईसी केंद्र चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के एमएसएमई अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
औद्योगिक विकास के लिए कलस्टर आधारित अप्रोच पर जोर
उद्योग मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि कलस्टर मॉडल के माध्यम से लघु उद्योगों को सशक्त किया जाए। केंद्र सरकार ने इसके लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें राज्यों की हिस्सेदारी व सब्सिडी प्रावधान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि इन योजनाओं की जानकारी उद्यमियों व आमजन तक समय रहते पहुंचाई जाए।
अधिकारियों का व्यवहार उद्यमी अनुकूल होना चाहिए
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अधिकारी अपने व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाएं। उन्होंने कहा उद्यमी आपसे कुछ मांगने नहीं, बल्कि राज्य को देने आया है। इसलिए उसे सम्मान और सहयोग मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उद्यमियों को कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर न लगाने पड़ें, इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेज एक बार में ही तैयार कर मुख्यालय को भेजे जाएं।
15-15 दिन में जिलास्तरीय उद्योग बैठकें हों: उद्योग मंत्री
उद्योग मंत्री ने सभी डिस्ट्रिक्ट मैनेजर कॉर्डिनेटर्स (DMCs) को निर्देश दिए कि वे हर 15 दिन में अपने जिलों के उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें। उन्होंने कहा कि बैठकें केवल कार्यालयों तक सीमित न रहें, बल्कि सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित की जाएं, और उनके आयोजन की सूचना स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से पहले से दी जाए।
बैठक में उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की एक विस्तृत बुकलेट तैयार की जाए और उसे हर संबंधित हितधारक तक वितरित किया जाए।
बैठक में मंत्री ने जिन योजनाओं व कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की उनमें हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति (HEEP) 2020, राज्य मिनी क्लस्टर विकास स्कीम, पदमा योजना, प्लग एंड प्ले स्कीम के अंतर्गत कलस्टर निर्माण, हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाइल पॉलिसी 2022–25, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएम-एफएमई योजना शामिल है।
बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डी. के. बेहरा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।