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गुरुग्राम, 3 मई। गुरुग्राम-उत्तराखंड लव जिहाद मर्डर केस में एक के बाद एक कई खुलासे होते जा रहे हैं। गिरफ्तार आरोपी मुश्ताक अहमद ने पूजा से हिंदू नाम रखकर दोस्ती की थी। बाद में वह भी उत्तराखंड से गुरुग्राम आ गया और यहीं पर पूजा के साथ अजीत बनकर लिव-इन में रहने लगा। पूजा ने जब उस पर शादी का दबाव बनाना शुरू किया तो उसने सितंबर 2024 में उसे दिखावे के लिए शादी कर ली। वहीं, वह अगले महीने ही उत्तराखंड लौट गया और वहां अपनी रिश्तेदारी में निकाह रचा लिया। जब अजीत यानि मुश्ताक काफी दिनों तक घर नहीं लौटा तो पूजा उत्तराखंड में उसके घर पहुंच गई। जब पूजा को मुश्ताक के निकाह के बारे में पता चला तो दोनों के बीच खूब लड़ाई रहने लगी। जिसके बाद मुश्ताक ने पूजा को अपने रास्ते से हमेशा-हमेशा के लिए हटाने का मन बना लिया। तलाकशुदा पूजा दो बड़े-बड़े बच्चों की मां थी और उसकी बेटी पर भी मुश्ताक की गंदी नजर थी। इसके बाद मुश्ताक ने नवंबर में पूजा की हत्या कर दी। मुश्ताक ने गुरुग्राम स्पा सेंटर में काम करने वाली पूजा का बेरहमी से कत्ल कर धड़ और सिर उत्तराखंड में नेपाल बॉर्डर के पास अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। पुलिस को पूजा का धड़ तो मिल गया है, लेकिन सिर अभी तक नहीं मिल पाया है। पूजा की हत्या के बाद मुश्ताक पुलिस से बचने के लिए कर्नाटक भाग गया था।
मुश्ताक से बड़ी उम्र की थी पूजा, दोनों उत्तराखंड के रहने वाले, नाम बदलकर की थी दोस्ती
पूजा और मुश्ताक दोनों ही उत्तराखंड के रहने वाले थे। मुश्ताक उत्तराखंड के सितारगंज के गौरीखेड़ा का निवासी है। मुश्ताक से उम्र में लगभग छह साल बड़ी पूजा यहां गुरुग्राम में काम कर रही थी। मुश्ताक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि साल 2022 में पहली बार पूजा से उसकी मुलाकात रुद्रपुर रोडवेज बस में गुरुग्राम आते वक्त हुई थी। उसने अपना नाम अजीत बताया था। पूजा भी उत्तराखंड की रहने वाली थी, इसलिए उससे आसानी से दोस्ती हो गई। इसके बाद 2022 में उत्तराखंड में पूजा की मां बीमार हो गई थी। मां को देखने के लिए दो से तीन बार पूजा मुश्ताक की टैक्सी लेकर उत्तराखंड गई थी। इससे दोनों में नजदीकियां बढ़ गईं। मुश्ताक ने आगे बताया कि नजदीकियां बढ़ीं तो दोनों ने लिव इन में रहने का फैसला किया। दोनों के साथ रहने से किसी को दिक्कत न हो, इसके लिए दोनों ने सितंबर 2024 में शादी भी कर ली थी। मुश्ताक ने बताया कि वह अक्टूबर 2024 में पूजा को छोड़कर अपने घर सितारगंज चला गया और रिश्तेदारी में ही एक मुस्लिम लड़की से निकाह कर लिया। इसका राज न खुले, इसके लिए वह काम होने की बात कहकर कभी गुरुग्राम और कभी सितारगंज आता जाता रहता था।
पूजा को पता चला तो किया था हंगामा, रची हत्या की साजिश
मुश्ताक ने आगे बताया कि जब पूजा को उसकी शादी का पता चला तो उससे सहन नहीं हुआ। उसने कहा कि जब पहले शादी उससे कर ली थी तो अपनी बिरादरी में दूसरी शादी क्यों की? इस बात को लेकर वह सितारगंज तक आ गई थी। यहां उसने घर में हंगामा किया और पुलिस को शिकायत भी दी। झगड़ा बढ़ने पर आरोपी के घरवालों ने दोनों को घर से निकाल दिया। इसके बाद वह पूजा के साथ गुरुग्राम आ गया। मगर, यहां पूजा उससे इस धोखे को लेकर झगड़ती रहती थी। इस पर उसने पूजा की हत्या की प्लानिंग की।
भीख मांग रही थी पूजा, तड़प-तड़प कर दमतोड़ा
मुश्ताक ने बताया कि साजिश के तहत वह 15 नवंबर 2024 को पूजा को अपनी बहन के घर खटीमा ले गया। वहां से 16 नवंबर को पूजा को घुमाने के लिए नदन्ना नहर जिला उद्यम सिंह नगर में ले गया। नदन्ना नहर के पास काली पुलिया है। यह जगह सुनसान रहती है। इसलिए वह पूजा को बात करने के बहाने पुलिया के पास ले गया। मुश्ताक ने काली पुलिया के पास पूजा से बात करते वक्त उसकी गर्दन पर पीछे से चाकू से वार कर दिया। पूजा को इसका आभास तक न था। चाकू लगते ही उसकी गर्दन से खून की धार बहने लगी। वह बचाओ बचाओ चिल्लाई, लेकिन उस वक्त कोई आसपास नहीं था। इसके बाद मुश्ताक तब तक उसकी गर्दन पर वार करता रहा, जब तक वह धड़ से पूरी तरह अलग नहीं हो गई। इस दौरान पूजा ने उससे जान की भीख भी मांगी। आखिर में पूजा ने उसकी आंखों के सामने ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार मुश्ताक ने पूजा की हत्या से लेकर उसकी लाश को ठिकाने लगाने की पूरी साजिश पहले ही रच ली थी। वह तेज धारदार चाकू, बेडशीट आदि सामान बैग में छुपा कर लाया था। सबसे पहले उसने धड़ को बेडशीट में लपेटकर गठरी बनाई और नाले में फेंक दिया। इसके बाद सिर को प्लास्टिक के थैले में बंद किया और पानी में बहा दिया। वह इस बात से निश्चित था कि यदि पुलिस को लाश मिल भी जाए तो उसका सिर न होने की वजह से उसकी पहचान कभी नहीं होगी।
दुपट्टे से हुई पहचान, कंकाल बन चुकी थी लाश
पुलिस ने 30 अप्रैल को उत्तराखंड के खटीमा से काली पुलिया अंडरपास से पूजा की लाश बरामद की थी। इतने दिनों में लाश पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो चुकी थी। पुलिस ने पूजा के भाई आशीष विश्वास को मौके पर बुलाया। सिर कटी लाश को देखकर वह फफक पड़ा। बहन के दुपट्टे को देखकर उसने लाश की शिनाख्त की। भाई ने बताया कि रक्षाबंधन पर जब बहन ने उसे राखी बांधी थी तो उसने यही दुपट्टा पहना था। साढ़े पांच महीने से दिन रात वह बहन पूजा की सलामती की दुआ मांग रहा था।
पूजा की बेटी पर थी नजर, पिता के पास भेजने पर बची
पूजा की बहन पूर्णिमा के अनुसार मुश्ताक की नजर उसकी बेटी मानवी पर भी नजर थी। वह उसे बेचने की फिराक में था, लेकिन बेटी को उसके पिता के पास भेज दिया गया। जिससे वह बच गई। उसका बेटा मानव पहले से ही पिता के पास रहता था। बहन ने बताया कि उसने अपना हिंदू नाम अजीत बताकर पूजा को अपने प्रेम जाल में फंसाया। मुश्ताक की नजर उसके पैसों पर भी थी। लिव इन में रहने के दौरान पूजा के कमाए पैसों से उसने सितारगंज में एक प्लाट और बाइक खरीदी थी।
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