
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 2 जून। गुरुग्राम पुलिस ने बिहार से 5 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी वहां पर एक बंद कमरे में बैठ कर मोबाइल व लैपटॉप की मदद से लोगों के एकाउंट से करोड़ों रुपये इधर से उधर कर चुके थे। इन आरोपियों को गुरुग्राम की एक कंपनी को लाखों का चूना लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 17 मोबाइल, 3 लैपटॉप और 2 एटीएम कार्ड भी बरामद किए गए हैं। पुलिस इस मामले में पहले भी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनके पास से 3 मोबाइल और 5 हजार रुपये नगद बरामद किए गए थे।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार थाना साइबर अपराध दक्षिण में इस मामले में 27 मई को शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 19 मई को किसी ने उसे व्हाट्सअप पर संदेश भेजकर खुद को कंपनी का मालिक (जिस कंपनी में वह काम करता है) बताया, जिसके बाद फर्जी मालिक के कहने पर उसने 19 से 27 मई तक कंपनी के खाते से विभिन्न बैंक खातों में कई करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।
पुलिस ने इस मामले में गौरव निवासी दिल्ली कैंट (दिल्ली) व जतिन शर्मा निवासी सिद्धार्थ इंक्लेव (दक्षिण दिल्ली) को 29 मई को और शिवम् निवासी मीठापुर, बदरपुर (दिल्ली) व अंकित निवासी हरीनगर एक्सटेंशन बदरपुर (दिल्ली) को 30 मई को दिल्ली से पकड़ा था।
चारों आरोपियों की गिरफ्तार के बाद थाना साइबर अपराध दक्षिण प्रभारी नवीन कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने इस मामले में पुलिस तकनीकी समेत विभिन्न माध्यमों से कई सूचनाएं एकत्रित की और उनकी गहनता से जांच और विश्लेषण किया। इस दौरान इस मामले के तार सिवान (बिहार) से जुड़े हुए मिले।
जिसके गुरुग्राम पुलिस आज सिवान (बिहार) पहुंची। पुलिस ने जब आरोपियों के ठिकाने पर छापा मारा तो पाया कि 1 बंद कमरे में 5 लोग मोबाइल व लैपटॉप के माध्यम से विभिन्न बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कर रहे हैं। पुलिस ने जब उनसे बैंकों में ट्रांजेक्शन करने से संबंधित कोई अधीकृत व वैध दस्तावेज मांगे तो वे कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर पाए।
पुलिस ने जब उनके नाम व पते पूछा तो उन्होंने अपना नाम आफताब, मोहम्मद आरिफ, ईरशाद हुसैन, वजीर अली व अमलेश कुमार और पता खैरथल, पचौरा, जिला सिवान (बिहार) बतलाया। जिसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि ये सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं और इनके ही गांव का रहने वाला इनका एक अन्य साथी इन्हें बैंक खाते उपलब्ध कराता है। इनका अन्य साथी इन्हें बताता है कि लोगों से विभिन्न माध्यमों से ठगी गई राशि इन्हें उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में कब और कितनी ट्रांसफर करनी है और ये उसके कहे अनुसार बैंकों में रुपये ट्रांसफर करने की वारदातों को अंजाम देते हैं, जिसके बदले इनका साथी इन्हें प्रतिमाह 20 हजार रुपये वेतन तथा ट्रांसफर की गई राशि का 10 प्रतिशत हिस्सा देता है। इस मामले में ठगी गई राशि में से 1 करोड़ 60 लाख रुपये उपरोक्त आरोपियों के अन्य साथी द्वारा उपलब्ध कराए बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे, फिर बाद में इनके (उपरोक्त आरोपियों) द्वारा उन रुपयों को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।