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गुरुग्राम, 16 अक्टूबर। गुरुग्राम में एक झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक के नाम पर एक छोटा-सा अस्पताल चला रहा था। उसने वहां पर मरीजों के लिए चार बिस्तर भी लगा रखे थे। इनमें एक पर एक मरीज को भर्ती करके रखा गया था और उसे ड्रिप लगा रखी थी। इसके साथ ही यहां पैथलैब भी चलाई जा रही थी। सीएम फ्लाइंग की टीम ने छापा मारकर झोलाछाप डॉक्टर को पकड़ कर खेड़कीदौला थाना पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पीएचसी माकडोला के मेडिकल ऑफिसर को सीएम फ्लाइंग से सूचना मिली कि गांव खेड़कीदौला की मुख्य गली सिकंदरपुर रोड पर एक व्यक्ति बिना डिग्री के चिराग क्लीनिक चलाता और इलाज के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहा है। इस सूचना पर इंस्पेक्टर राजेश कुमार, एसआई नरेंद्र सिंह के साथ मिलकर एक टीम गठित कर मौके पर छापा मारा गया। यहां एक व्यक्ति डॉक्टर की कुर्सी पर बैठा मिला जिसने अपना नाम ओमपाल सिंह निवासी हाथरस उत्तर प्रदेश बताया। उसने बताया कि वह शिवा एनक्लेव गढ़ी हरसरू में किराए पर रहता है।
जांच के दौरान ओमपाल ने टीम को जीएनएम का सर्टिफिकेट दिखाया। इसके साथ ही टीम ने पाया कि क्लीनिक के सामने वाली दुकान में चार बिस्तरों पर मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा है। यहां टीम पहुंची तो पाया कि एक मरीज को ड्रिप लगी हुई है। टीम ने मौके से कई दवाएं बरामद की। इन दवाओं को टीम ने सील कर लिया। टीम ने डॉक्टर के काउंटर पर जीसीएस पैथलैब की बनाई हुई रिपोर्ट भी बरामद की। लैब का लाइसेंस चैक करने पर लैब संचालक के पास कोई अनुमति नहीं मिली। यहां बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन नहीं मिला। यहां से टीम ने प्रतापगढ़ निवासी शिवमूर्ति शुक्ला को पकड़ा, जो वर्तमान में खेड़कीदौला गांव में ही किराए पर रहता है। टीम ने पाया कि यहां ब्लड लगी सुईयों को खुले में ही फेंक दिया जाता है। इस पर उसे भी काबू कर लिया गया। टीम ने खेड़कीदौला थाना पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।



