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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 17 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली एनसीआर में दिवाली पर पटाखे चलाने को लेकर गाइडलाइन जारी करने के साथ टाइम और तारीख भी तय कर दी गई है। इसके अलावा हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन बोर्ड ने हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में पानी, हवा, मिट्टी, ध्वनि के सैंपल लेने शुरू कर कर दिए हैं। जिनकी जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में सेंटर पॉल्यूशन बोर्ड सबमिट करेगा। इन्हीं जांच रिपोर्ट के आधार पर अगली दीवाली पर गाइडलाइन जारी हो सकती है। वकील एमएस मेहता के केस में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सेंटर पॉल्यूशन बोर्ड को ये आदेश जारी किए है।
हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन बोर्ड के बल्लभगढ़ रीजनल अधिकारी हरीश कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इस दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति दी गई है। इसको लेकर 18 अक्टूबर से इन ग्रीन पटाखों की बिक्री डीलर शुरू कर सकते हैं। 18 अक्टूबर से शुरू होकर यह बिक्री 20 अक्टूबर तक चलेगी। तीन दिन तक ऑथराइज्ड डीलर बिक्री कर पाएंगे। 20 और 21 अक्टूबर केवल दो दिन पटाखे चलाने की परमिशन दी गई है। जिसमें पटाखे चलाने का समय सुबह 6 से 7 बजे और शाम को 8 से लेकर रात 10 बजे तक का समय रखा गया है।
उन्होंने कहा कि इस बार केवल उन्हीं ट्रेडर्स के ग्रीन पटाखे मार्केट में बेचने दिए जाएंगे। जिनके पास ESO ( Petroleum and Explosives Safety Organisation) और NEERI ( National Environmental Engineering Research Institute) से सर्टिफिकेट होगा। PESO – पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन है जो देश में पटाखे, बारूद, माइनिंग ब्लास्टिंग मैटेरियल आदि के निर्माण, भंडारण और उपयोग की अनुमति देता है। NEERI – नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट पर्यावरण की सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, और स्वच्छ तकनीकों पर काम करता है।
उन्होंने कहा कि ग्रीन पटाखे पर एक क्यूआर कोड होगा जिसको स्कैन करने के बाद उसके निर्माता के बारे में जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही उसके अंदर मौजूद सामग्री का भी जानकारी मिलेगी। हरीश कुमार ने बताया कि हवा और ध्वनि (NOICE) के सैंपल वो हर साल लेते हैं। लेकिन इस बार पहली बार मिट्टी और पानी के सैंपल लिए जा रहे है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पॉल्यूशन विभाग ये सैंपल ले रहा है। 16 अक्टूबर से इन सैंपल की शुरुआत कर दी गई है और 21 अक्टूबर की रात तक सैंपल लिए जाएंगे। शहर के अलग -अलग हिस्सों में लोकेशन चुनी गई है, जहां रोजाना सैंपल टीम एकत्रित करेगी। इन सैंपल की जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसमें ये जांच कि जाएगी कि ग्रीन पटाखे चलने से पहले पानी, मिट्टी, हवा और ध्वनि (NOICE) के क्या अंक थे और दो दिन पटाखे चलने के बाद इनके अंक पर क्या फर्क पड़ा है।
उन्होंने बताया कि पानी, मिट्टी, हवा और ध्वनि के सैंपल की जांच के बाद तैयार की गई रिपोर्ट को हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन बोर्ड के द्वारा सेंटर पॉल्यूशन बोर्ड को सौंपा जाएगा। जिसके बाद सेंटर पॉल्यूशन बोर्ड इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में सबमिट करेगा। अधिकारियों का मानना है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर अगले साल पॉल्यूशन को गाइडलाइन जारी हो सकती है।



