
2 लाख 20 हजार रुपये है कीमत
उड़ीसा की पारंपरिक चित्रकला है पट चित्रकला
लगभग 200 वर्ष पुरानी है पट चित्रकला
ताड़ के पत्तों पर सुई के माध्यम से की जाती है चित्रकारी
फरीदाबाद (अजय वर्मा), 10 फरवरी। यह है ताड़ के पत्तों पर उकेरी गई पट चित्रकला। पट चित्रकला उड़ीसा की पारंपरिक चित्रकला है। अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में यह चित्रकला आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। ताड़ के पत्तों पर उकेरी गई यह चित्रकला यहां आने वाले पर्यटकों और दर्शकों को खूब आकर्षित कर रही है।
आर्टिजन नरेश साहू ने बताया कि यह कला लगभग 200 वर्ष पुरानी है और धार्मिक थीम के लिए पहले सूती कपड़े के ऊपर ताड़ के पत्तों को पेस्ट किया जाता है। इसके बाद ताड़ के पत्तों पर सुई के माध्यम से चित्रकारी की जाती है जिसे पट चित्रकला कहते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार वह मेले में रामायण थीम की चित्रकला लेकर आए हैं जिसमें पूरी रामायण का वर्णन है और इसकी कीमत 2 लाख 20 हजार रुपये है।
नरेश ने बताया कि वह पिछले 15 साल से इस मेले में आ रहे हैं और उन्हें अब तक कला मणि और कलाश्री जैसे अवार्ड मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के जहां आठ लोग इस पुश्तैनी कला से जुड़े हुए हैं वहीं उनके गांव के करीब साढे़ 500 लोग इस कला के साथ लगे हुए हैं। उनका कहना था कि सूरजकुंड मेले में उन्हें बहुत अच्छा रिस्पांस मिलता है जिसके लिए वह हरियाणा सरकार का धन्यवाद करते हैं।
नोएडा से आई पूजा ने बताया कि उड़ीसा की पट चित्रकला बहुत ही खूबसूरत है। वह इस पट चित्रकला पेंटिंग को खरीदने आई है। उसने बताया कि वह उड़ीसा भी जा चुकी है, जहां यह कला देखी थी और इस वक्त उसके घर में इस कला से संबंधित तीन पेंटिंग लगी हुई है।
मेले में आए दर्शकों ने भी कहा कि यहां देश भर के हस्तशिल्प उत्पाद देखने को मिल रहे हैं। मेले में हस्तशिल्पियों को मंच भी मिल रहा है और उनके उत्पाद भी बिक रहे हैं।