
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने गुरुग्राम में की हरियाणा फार्मास्युटिकल एवं मेडिकल डिवाइसेज निर्माण नीति 2025 तथा हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक्स वेस्ट रीसाइक्लिंग नीति 2025 के ड्राफ्ट पर हितधारकों के साथ चर्चा
मंत्री ने कहा, आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में हरियाणा की होगी अहम भागीदारी
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 25 जुलाई। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना पर आगे बढ़ाते हुए हरियाणा में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने की नीति पर व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। हरियाणा सरकार उद्योग आधारित नीतिगत ढांचे को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे प्रदेश में आर्थिक प्रगति, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और सुगम व्यापार का वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने यह बात आज लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में हरियाणा फार्मास्युटिकल एवं मेडिकल डिवाइसेज निर्माण नीति 2025 तथा हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक्स वेस्ट रीसाइक्लिंग नीति 2025 के ड्राफ्ट पर संबंधित क्षेत्रों के हितधारकों के साथ परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए कही।
राव नरबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने उद्यमियों व स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक सकारात्मक पहल की है। उद्यमियों की सुविधा के लिए इन्वेस्ट हरियाणा पोर्टल के माध्यम से 135 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही है। इन सेवाओं की उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जाती है ताकि समय पर उद्यमियों को विभिन्न विभागों की सेवाएं मिल सके। हितधारकों के सुझाव मिलने पर इस सुविधा में समय-समय पर अपडेट भी किया जाता है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने वेस्ट रीसाइक्लिंग नीति को लेकर कहा कि वर्तमान समय में ई-वेस्ट रीसाइञ्चिलंग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी के थ्री आर – रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल पर फोकस करते हुए इस नीति को तैयार किया गया है ताकि विकसित भारत-2047 के विजन में हरियाणा की प्रमुख भागीदारी हो। उन्होंने बैठक में पहुंचे प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि आपके सुझावों को अंतिम नीति में शामिल किया जाएगा, जिससे हरियाणा को अग्रणी औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित किया जा सके।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आधुनिक, नवाचार आधारित और आत्मनिर्भर औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध है। इसलिए नए-नए क्षेत्रों की पहचान कर उनके लिए अलग से नीतियां व विकासोन्मुखी कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस बैठक में राज्य में ई-वेस्ट प्रबंधन के लिए सशक्त ढांचा तैयार करना, रीसाइक्लिंग इंफ्रास्ट्रञ्चचर को बढ़ावा देना, उत्पादक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना और सर्कुलर इकोनॉमी के क्षेत्र में कौशल विकास व नवाचार को प्रोत्साहन देने पर हितधारकों से व्यापक चर्चा की गई। वहीं देश में मेडिकल क्षेत्र से जुड़े उपकरणों के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहन देना, मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण को अपनाते हुए प्रोत्साहन, प्रशिक्षण और आवश्यक अधोसंरचना की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हितधारकों ने आवश्यक सुझाव भी दिए।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डीके बेहरा वीडियो कांफ्रेंस से बैठक में शामिल हुए। वहीं चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नितिन बंसल ने उपस्थित उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए राज्य की नई नीतियों का परिचय दिया और नीतियों में उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए शामिल प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री के सलाहकार वीरेंद्र सिंह, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अधिकारी तथा पॉली मेडिक्योर, एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइसेज, मैनकाइंड फार्मा, कारो संभव, नामो ई-वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड, यज्ञ इंडस्ट्रीज सहित कई प्रमुख उद्योग समूहों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।