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गुरुग्राम, 12 फरवरी। इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) ने अपने प्रमुख प्रोजेक्ट ड्रॉप (डेवलप रिस्पॉन्सिबल आउटलुक फॉर प्लास्टिक) के दूसरे चरण का सफल समापन किया। इस अवसर पर एक विचारशील पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें गुरुग्राम को जीरो वेस्ट शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध प्रमुख हितधारकों की भागीदारी रही। इस कार्यक्रम में विशाल एचसीएस (संयुक्त आयुक्त जोन 1) सुभाष यादव वन संरक्षक एवं वन्य जीव विभाग गुरुग्राम नगर निगम, डॉ. परामिता दत्ता डे कार्यक्रम निदेशक (स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय सहकारी विकास कार्य संस्थान), कपिल बिंदल (प्रमुख, व्यवसाय योजना, किआ इंडिया) और डॉ. चांदनी बेदी (समन्वय निदेशक, नवज्योति इंडिया फाउंडेशन) उपस्थित रहीं। ये सभी सतत कचरा प्रबंधन के प्रति समर्पित हैं।
प्रोजेक्ट ड्रॉप किआ इंडिया की एक सीएसआर पहल है, जिसे आईपीसीए द्वारा भारत के पांच प्रमुख शहरों (गुरुग्राम, मुंबई, बेंगलुरु, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा) में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं में प्लास्टिक के व्यक्तिगत जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है, जिससे वे कचरे का सही ढंग से निपटान कर सकें।
जनवरी 2023 में शुरू होने के बाद से, प्रोजेक्ट ड्रॉप ने महत्वपूर्ण पर्यावरणीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें 6,857 मैट्रिक टन प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया और लैंडफिल पर जाने वाले कचरे को काफी हद तक कम किया गया। परियोजना के नवीनतम विस्तार में गुरुग्राम में एक मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) की स्थापना और ग्रेटर नोएडा यूनिट में रिसाइक्लिंग फैसिलिटी की क्षमता को बढ़ाने की योजना शामिल है।
इस पैनल चर्चा में गुरुग्राम के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया गया। पैनल ने यह स्पष्ट किया कि कचरा प्रबंधन के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है, जिसमें नागरिकों, निगमों और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
आईपीसीए के निदेशक आशीष जैन ने संगठन की 2001 से अब तक की यात्रा को साझा करते हुए बताया कि कैसे यह केवल एक कचरा प्रबंधन समाधान प्रदाता से आगे बढ़कर सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने वाली अग्रणी संस्था बन गया है। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि आईपीसीए पूरे भारत में स्थायी कचरा प्रबंधन अवसंरचना स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
नगर निगम गुरुग्राम के संयुक्त आयुक्त विशाल ने इस अवसर पर गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन के लिए की जा रही पहलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 100 किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करने वाले क्षेत्रों, जैसे कि आरडब्ल्यूए, बाजार संघ और शैक्षिक संस्थानों के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल अनिवार्य किया गया है। यह पहल कचरा निपटान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और प्रभावी निगरानी प्रणाली स्थापित करने में सहायक होगी।
कॉर्पाेरेट भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकारते हुए किआ इंडिया के व्यवसाय योजना प्रमुख कपिल बिंदल ने घोषणा की कि प्रोजेक्ट ड्रॉप के अंतर्गत् 100 और सोसायटियों को जोड़ा जाएगा, जिससे गुरुग्राम को जीरो वेस्ट शहर बनाने की दिशा में मजबूत योगदान मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान समाज में कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। सूरज स्कूल और जीडी गोयनका स्कूल के छात्रों ने प्रभावशाली नाटकों के माध्यम से कचरा प्रबंधन और उसके सतत समाधान के महत्व को उजागर किया।
कार्यक्रम के दौरान इस परियोजना से जुड़े विभिन्न सोसायटी, शैक्षणिक संस्थानों व स्वयंसेवकों को प्रशंसा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रोजेक्ट ड्रॉप का सफल समापन गुरुग्राम को स्वच्छतम शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नागरिकों के बीच पर्यावरणीय जिम्मेदारी और सतत जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है।
आईपीसीए एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो सतत कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और 2001 से पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। प्रोजेक्ट ड्रॉप जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से, आईपीसीए समुदायों को प्रेरित करता है और भारत में बढ़ती प्लास्टिक कचरा चुनौती का समाधान करने के लिए नवाचारपूर्ण समाधान विकसित करता है।