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गुरुग्राम, 5 अक्टूबर। ऊर्जा समिति ने दीवाली के पावन पर्व की सभी को बधाई देते हुए परंपरा एवं पर्यावरण में संतुलन बनाते हुए प्रदूषण रहित व स्वच्छ दीवाली मनाने एवं बिजली बचाने की अपील की है। ऊर्जा समिति ने अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण को देखते हुए सभी पर्यावरण संतुलन के लिए धुआं व धमाका मुक्त, बमों व पटाखों से मुक्त दीवाली मनाएं। बिजली की बचत के लिए अपने घरों पर लगने वाली लाइटों का कम से कम प्रयोग करें।
ऊर्जा समिति के महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि इस समय एयर क्वालिटी प्रदूषित हो जाती है और हवा जहरीली बन जाती है। अपनी खुशी का इजहार तो मिठाई, उपहारों, रंगोली व मिट्टी के दीयों के साथ, दूसरों में खुशियां व प्यार बांटकर कर सकते हैं। त्यौहार का सही आनंद तो परंपरा और पर्यावरण में संतुलन रखते हुए स्वच्छ व प्रदूषण रहित वातावरण से ही आएगा। पर्यावरण संतुलन के मद्देनजर हमें मिलजुलकर ही हर प्राणी के स्वास्थ्य हित में कार्य करना है। बमों व पटाखों से त्यौहार मनाना कोई आवश्यक नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि लोग अपने घरों को दीयों से सजाएं और 3, 6, 8, 9, 12 व 18 वाट की एलईडी व स्लिम लाइटों का इस्तेमाल करें। सोते समय वे भी बंद कर सकते हैं। इससे बिजली की खपत कम होगी और पर्यावरण संतुलित होगा। ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है। इसीलिए बचत को साधन बना कर ऊर्जा की मांग व आपूर्ति में समन्वय स्थापित किया जा सकता है। 100, 200 व 500 वाट के बड़े बल्बों व फोकस लाइटों को लगाना जरूरी नहीं है।
संजय चुघ ने कहा कि दीवाली जैसे त्यौहारों के अवसर पर बिजली की बढती मांग के मध्यनज़र बचत करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। बड़ी-बड़ी व ज्यादा वाट की लाइटों का इस्तेमाल न करें, बिजली को नियंत्रित करके एवं समझदारी से इस्तेमाल करके हम अपने खर्च के साथ-साथ देशहित में बिजली बचत कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि लोग अपने पैसे की बचत करके शांति और सौहार्द भरे माहौल में दीवाली मनाएं। अपनी ऊर्जा को बचाकर प्रदूषण मुक्त वातावरण रखने में सहयोग दें। हम वातावरण को सुंदर बनाकर इस दीवाली की खुशियां औरों में भी बांट सकते हैं। स्वयं धुआं और धमाका मुक्त त्यौहार मनाने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी इसकी प्रेरणा दें। उन्होंने सभी से आगामी 31 अक्टूबर दीवाली तक इस सम्बंध में लोगों को जागरूक करते रहने तथा इस धारणा को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। लोगों से अपने दायित्वों के प्रति जागृत रहने एवं धुआं और धमाका मुक्त दीवाली मनाने की अपील की।
ऊर्जा समिति के महासचिव ने सतर्क किया कि वायु प्रदूषण से स्किन और दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा रहता है। इसके अलावा डायबिटीज, अल्जाइमर और लगातार सिर दर्द हो सकता है। छोटे बच्चों के दिमागी विकास पर बुरा असर पड़ता है, उनकी मानसिक शक्ति कम होने लगती है। धुऐं से दमा, ब्रोंकाईटिस जैसी अन्य अनेक बीमारियां पैदा होती है। पटाखे छोड़ने से प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है जोकि बहुत हानिकारक है। इससे आप और हम सब मिलकर ही छुटकारा पा सकते हैं।



