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गुरुग्राम, 21 मई। गुरुग्राम में बारिश में जलभराव की समस्या को लेकर चिंतित नजर आ रहे केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज नगर निगम प्रशासन पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि जलभराव की वजह से शहर ही नहीं सरकार की भी फजीहत होती है। उन्होंने साथ ही इस बात की भी वेदना प्रकट की कि गुरुग्राम में कोई भी अधिकारी ज्यादा दिन तक नहीं टिकता, ऐसे में दिक्कत ये है कि समस्या से सही ढंग से नहीं निपटने पर किसकी जवाबदेही तय की जाए।
आज सुबह करीब 11.30 बजे पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में अधिकारियों के साथ बैठक में गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने वर्षा के दौरान होने वाले जलभराव की निकासी के इंतजाम व नागरिकों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं की भी समीक्षा की। बैठक में जिला उपायुक्त, नगर निगम कमिश्नर, जीएमडीए के अधिकारी और पुलिस विभाग से संबंधी अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक से पहले राव इंद्रजीत सिंह ने दिल्ली गुरुग्राम सीमा पर स्थित पर्यटन विभाग की खाली पड़ी जमीन और सेक्टर 15 स्थित बांध का निरीक्षण किया। इन दोनों जगह पर इस बात को लेकर भी चर्चा की गई है कि शहर के अलग-अलग इलाकों और सड़कों पर भरने वाले पानी को मौके से निकाल कर इन दोनों जगह पर जमीनी तौर पर रिचार्ज किया जा सकता है। जिससे पानी निकासी की एक बड़ी समस्या का समाधान निकाल सकता है।
गुरुग्राम के हीरो होंडा चौक, नरसिंहपुर, सुभाष चौक सुशांत, सेक्टर-10, सेक्टर-15, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड मुख्य तौर पर यह ऐसे बिंदु हैं, जहां बारिश के दौरान सबसे ज्यादा जलभराव की समस्या देखने को मिलती है। जिला प्रशासन ने इन तमाम जगहों पर पंप लगाए हैं, जिससे बारिश के दौरान भरने वाले पानी को तुरंत निकाला जा सके। इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने इस बात को लेकर आश्वस्त किया कि इस बार जलभराव की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन की तरफ से पूरे प्रबंध किए गए हैं। लेकिन बैठक के बाद राव इंद्रजीत सिंह इस बात को लेकर भी तंज कसते हुए नजर आए की इस समस्या के कारण सरकार और शहर कि फजीहत होती है, लेकिन अधिकारियों की जवाबदेही तो तब तय करें, जब अधिकारियों के यहां से तबादले नहीं हो। फिलहाल अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस बार जलभराव नहीं होगा।