
चंडीगढ़: हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) 19 फरवरी 2025 को अपनी 31वीं राज्य सलाहकार समिति (SAC) की बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक की अध्यक्षता आयोग के चेयरमैन नन्द लाल शर्मा करेंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली टैरिफ को अंतिम रूप देना है।
हरियाणा में बिजली दरों को लेकर यह बैठक अहम मानी जा रही है। इस दौरान उपभोक्ताओं, बिजली कंपनियों, औद्योगिक संगठनों और सरकारी अधिकारियों के बीच आगामी बिजली टैरिफ, सब्सिडी, बिजली वितरण लागत और उपभोक्ता हितों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN & UHBVN), बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन कंपनियों, औद्योगिक प्रतिनिधियों, किसान संगठनों और उपभोक्ता फोरम के सदस्य शामिल होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2025-26 में बिजली टैरिफ में मामूली वृद्धि हो सकती है, क्योंकि बिजली कंपनियां बढ़ती उत्पादन लागत और बकाया राशि की भरपाई करने के लिए दरों में संशोधन की मांग कर रही हैं। हालांकि, सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सब्सिडी जारी रख सकती है।
घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार कुछ श्रेणियों में टैरिफ में छूट दे सकती है। औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली दरों में मामूली वृद्धि संभव है, जिससे उत्पादन लागत प्रभावित हो सकती है। वहीं, कृषि क्षेत्र में बिजली सब्सिडी जारी रहने की संभावना है, जिससे किसानों को राहत मिलेगी। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) का कहना है कि बैठक में सभी पक्षों की राय ली जाएगी, और उसके बाद टैरिफ का अंतिम निर्णय लिया जाएगा। आयोग का उद्देश्य उपभोक्ताओं और बिजली कंपनियों के बीच संतुलन बनाए रखना है