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पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 19 मार्च। गुरुग्राम की एक अदालत ने डकैती मामले में बावरिया गैंग के 8 सदस्यों को 10-10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने सभी पर 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 11 अगस्त 2016 को एक व्यक्ति ने थाना मानेसर को एक लिखित शिकायत के माध्यम से बताया था कि 10/11 अगस्त की रात को गांव नैनवाल में कुछ व्यक्तियों ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। कुछ समय बाद जमीनों में दरवाजा खोला तो उन व्यक्तियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया तथा वे व्यक्ति वहां से भाग गए। पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू की तो पता चला कि आरोपियों ने इस दौरान गांव सहरावन में भी उसी रात एक परिवार के लोगों के साथ मारपीट कर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। अभियोग में कुछ अन्य तत्वों के आधार पर पुलिस ने मामले में डकैती, शस्त्र अधिनियम से संबंधित धाराएं जोड़ी।
इसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान जय भगवान निवासी छुछकवास जिला झज्जर (हरियाणा), राजबीर उर्फ नाहर सिंह निवासी शिव कॉलोनी जिला झज्जर (हरियाणा), राका उर्फ जितेंद्र उर्फ धर्मवीर निवासी गसिंगपुर जिला फर्रुखाबाद (उत्तर-प्रदेश), नरेश उर्फ संदीप निवासी गांव गसिंगपुर जिला फर्रुखाबाद (उत्तर-प्रदेश), लंबू उर्फ तुली उर्फ विनय निवासी गांव कबूलपुर जिला फरीदाबाद हाल निवासी गांव गोकलगढ़ जिला रेवाड़ी (हरियाणा), मुन्ना उर्फ लक्की उर्फ आयन निवासी दास गार्डन बापड़ोला नजफगढ़, दिल्ली, हेमंत उर्फ धर्म निवासी गांव बापड़ोला नजफगढ़, दिल्ली व सुनील उर्फ सागर निवासी गांव बांपोई आजाद नगर जिला फर्रुखाबाद (उत्तर-प्रदेश) के रूप में हुई।
गुरुग्राम पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मामले की तफ्तीश बहुत ही गहनता से की। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सभी आवश्यक साक्ष्य व गवाह एकत्रित करके अदालत में पेश किए और चार्जशीट दाखिल की।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुनीत सहगल की अदालत ने सोमवार को साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषियों को धारा 458 आईपीसी के तहत 10 वर्ष की कैद (कठोर कारावास) व 5 हजार रुपये जुर्माना, धारा 398 आईपीसी के तहत 10 वर्ष की कैद (कठोर कारावास) व धारा 395 आईपीसी के तहत 10 वर्ष की कैद (कठोर कारावास) व 5 हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 397 आईपीसी के तहत 10 वर्ष की कैद (कठोर कारावास) की सजा सुनाई।