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फरीदाबाद: सूरजकुंड मेले के 38वें संस्करण में एक अजीबोगरीब और दिलचस्प घटना हुई, जब मेले में आए दर्शक हक्के-बक्के रह गए। एक बहरूपिया कलाकार ने अपने प्राचीन किरदार ‘अलादीन के जिन्न’ के रूप में लोगों को चौंका दिया एक बोतल में बंद जिन अचानक बोला, “हुकुम करो मेरे आका” और इसके साथ ही दर्शक उनके साथ जमकर सेल्फी और फोटो खिंचने लगे।
बहरूपिया कला, जो कभी लोगों के मनोरंजन का प्रमुख साधन हुआ करती थी, अब लगभग विलुप्त हो चुकी है, लेकिन सूरजकुंड मेला इस कला को पुनर्जीवित कर रहा है। मेले में आए बहरूपिया कलाकार विभिन्न प्रकार के किरदारों में दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। इनमें से कहीं जंगली जानवरों के रूप में कलाकार दिखाई दे रहे हैं, तो कहीं रीछ के रूप में दर्शकों को डरा रहे हैं। खासतौर पर जिन के किरदार और उसके संवादों ने दर्शकों को बहुत प्रभावित किया।
अलादीन का जिन्न बने कलाकार ने बताया, “मेरा नाम अलादीन का जिन्न है, और मैं 200 साल से बोतल में बंद था, लेकिन सूरजकुंड मेले ने मुझे आज़ाद कर दिया है। मैं राजस्थान से आया हूं और बहरूपिया कला के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन कर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि ऐसे मेलों के कारण इस कला के कलाकारों को जीवन यापन का अवसर मिलता है, और इसके लिए वे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हैं।
उसी दौरान उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “अब अलादीन का जिन्न वापिस बोतल में नहीं जाना चाहता है।” साथ ही, उन्होंने मेला दर्शकों से अपील की कि वे उनकी कला और उनके प्रदर्शन को इस हद तक शेयर करें कि वह वायरल हो जाए।
मेले में आए दर्शकों ने बहरूपिया कलाकारों की कला की सराहना की और इसे अद्भुत बताया। एक परिवार, जो पिछले पांच सालों से मेला देखने आ रहा है, ने कहा कि इस मेले में न सिर्फ हरियाणा की संस्कृति, बल्कि देश-विदेश की सांस्कृतिक धरोहर को भी देखा जा सकता है। उनका कहना था कि मेला हर साल और भी बेहतरीन होता जा रहा है और यहां की व्यवस्थाएं भी शानदार हैं।