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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 1 अगस्त। विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 को लेकर आज फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन करके इसकी शुरुआत की गई। विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन 1 से 7 अगस्त तक स्वास्थ्य विभाग फरीदाबाद द्वारा जोरशोर से किया जा रहा है। इस पहल के माध्यम से जिला प्रशासन का उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना और भावी पीढ़ी को एक बेहतर स्वास्थ्य आधार देना है। इस अवसर पर जिले भर में जन-जागरूकता गतिविधियों की श्रृंखला शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य नवजात शिशुओं में स्तनपान के महत्व को रेखांकित करना और माताओं को इससे जुड़ी वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना है। इस सप्ताह के दौरान जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मचारी को स्तनपान से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। ताकि वे समुदाय स्तर पर जागरूकता फैलाने में सक्षम हों।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल की पीएमओ महिला डॉक्टर सत्येंद्र वशिष्ठ ने बताया कि 1 से 7 अगस्त तक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके तहत जन्म देने वाली माता को बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया जा रहा है की किस प्रकार शिशु के जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जन्म के पहले घंटे में नवजात को मां का पहला गाढ़ा पीला दूध (कोलोस्ट्रम) अवश्य पिलाना चाहिए, क्योंकि यह दूध शिशु की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है और उसे कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। विशेषज्ञों की राय अनुसार, नवजात को जन्म से लेकर छह माह की आयु तक केवल मां का दूध ही दिया जाना चाहिए, इस अवधि में पानी तक नहीं देना चाहिए। इस मौके पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विकास गोयल और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजय रानी ने विस्तार से बताया कि मां का दूध पहले 6 महीने नवजात बच्चे के लिए कितना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर स्तनपान करवा रही माताओं को जागरूक किया जाएगा। उन्हें यह सिखाया जाएगा कि वे किस प्रकार संतुलित आहार एवं नियमित देखभाल द्वारा स्तनपान में आने वाली समस्याओं को दूर कर सकती हैं तथा अपने एवं शि शु के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं।
इस मौके पर केएमसी वर्कर (कंगारू मदर केयर) ने नवजात बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को जहां दूध पिलाने के तरीके चार्ट के माध्यम से बताएं वहीं उन्हें बताया गया कि जन्म के अगले 6 महीने तक बच्चों को पानी नहीं देना है, बल्कि ब्रेस्टफीडिंग करवानी है वहीं उन्होंने बताया कि यदि बच्चे की आंखें पीली नजर आए तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग में बच्चों को दिखाएं और कोई भी अपनी मर्जी से देसी इलाज न करें।
वहीं, नवजात बच्चे को जन्म देने वाली एक मां ने बताया कि आज उन्हें अपने बच्चों के स्वास्थ्य और पालन पोषण को लेकर बहुत ही अच्छी जानकारियां हासिल हुई है।