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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 13 दिसंबर। फरीदाबाद के सूरजकुंड में आयोजित गुर्जर महोत्सव में जहां लोग गुर्जर समाज से जुड़ी हुई संस्कृति के बारे में जान रहे हैं। वहीं सूरजकुंड की मुख्य चौपाल के ठीक पीछे श्री गुर्जर खादी भंडार के 12 नंबर स्टॉल पर ओरिजनल खादी के पारंपरिक वस्त्र देखने को मिल रहे हैं। स्टॉल पर मौजूद संचालक दीपक ने बताया कि वह महेंद्रगढ़ जिले से आए हैं और ओरिजनल खादी के वस्त्र और कपड़े लेकर आए हैं।
उन्होंने बताया कि गुर्जरों का जो प्राचीन पहनावा था जैसे धोती, कुर्ता, कोटि आदि पहनावा लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी स्टॉल पर केवल विविधता ही नहीं बल्कि गुर्जर कल्चर है। उन्होंने खादी के कपड़ों के बारे में एक-एक कर बताया कि उनकी स्टॉल पर खादी के कौन-कौन से वस्त्र मौजूद है। वहीं, उन्होंने लोगों से अपील की वे गुर्जर महोत्सव में जरूर आए और गुर्जर संस्कृति से रू-ब-रू हो।
वहीं, बुलंदशहर से आए एक दर्शक महेंद्र सिंह ने बताया कि वह गुर्जर महोत्सव का आनंद ले रहे हैं। उन्हें गुर्जर संस्कृति और इतिहास देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे उनका अस्तित्व समाज और देश में है। जो बात उन्हें इस मेले में देखने को मिल रही है। उन्होंने बताया कि खादी पहनना गुर्जरों का पारंपरिक पहनावा है। इस स्टॉल पर मौजूद कलेक्शन वो है जो गुर्जर पहना करते थे और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में वही वस्त्र पहनने की शुरुआत फिर से हो सकती है।
वहीं गुर्जर वेशभूषा में दिल्ली से समाज के एक अन्य बुजुर्ग दर्शक ने बताया कि उनका नाम वीर सिंह ढेढा है और वह भी गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्यों में से हैं और आज महोत्सव में गुर्जर पारंपरिक वेशभूषा में आए हैं और इस स्टाल पर भी पारंपरिक वस्त्र देखने को मिल रहे हैं।



