

चंडीगढ़ : आयुष्मान भारत योजना के तहत हरियाणा के अनुबंधित निजी अस्पतालों और सरकार के बीच जारी विवाद को हल करने के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक का आयोजन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के नेतृत्व में किया जाएगा, जिसमें सरकार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) हरियाणा के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि राज्य के सभी आयुष्मान अनुबंधित अस्पतालों ने सरकार को एक नोटिस भेजा था, जिसमें उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को तीन फरवरी तक पूरा करने की शर्त रखी थी। अस्पतालों ने स्पष्ट किया था कि यदि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो वे तीन फरवरी के बाद आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज करने में असमर्थ होंगे।
सरकार और अस्पतालों के बीच पिछले कुछ दिनों से लगातार वार्ता जारी है, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। आज होने वाली इस उच्च स्तरीय बैठक में यह तय किया जाएगा कि आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज योजना के तहत जारी रहेगा या नहीं।
इस बैठक में सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अनुराग रस्तोगी, सुधीर राजपाल, सीमा तीतरवाल और मिस अंकिता अधिकारी। जबकि, आईएमए हरियाणा की ओर से डॉ महावीर जैन, डॉ. अजय महाजन, डॉ. सुरेश अरोड़ा, डॉ. धीरेन्द्र सोनी, डॉ. पंकज मुतनेजा, डॉ. सुनीला सोनी और डॉ. सुरेंद्र मेहता शामिल होंगे।
आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों को मरीजों के इलाज का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। अस्पतालों का आरोप है कि उन्हें भुगतान मिलने में देरी हो रही है और निर्धारित दरों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, अस्पतालों ने प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार की भी मांग की है ताकि उन्हें वित्तीय और परिचालन संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
अगर सरकार और अस्पतालों के बीच कोई सकारात्मक सहमति नहीं बनती है, तो लाखों आयुष्मान कार्ड धारकों को निजी अस्पतालों में इलाज कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इससे सरकारी अस्पतालों पर भी अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा। सभी की निगाहें आज होने वाली बैठक पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि हरियाणा में आयुष्मान योजना का भविष्य क्या होगा।