
शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने मारपीट के बाद हिरासत में मौत मामले में कड़ा रुख अपनाया है। किन्नौर में पुलिस हिरासत में मारपीट के बाद व्यक्ति की मौत मामले में कोर्ट ने CBI, गृह विभाग, DGP सहित प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
इस मामले की 10 जनवरी को सुनवाई होगी। याचिका में पत्नी की ओर से पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर पुलिस वालों की अन्य लोगों के बीच कोई मुठभेड़ होती है और मौत हो जाती है, तो ऐेसे मामलों की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसियों को सौंपी जाएगी।
पुलिस हिरासत में जिसकी मौत हुई है उसको मुआवजा भी देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसकी सूचना आयोग को देनी होती है। हाईकोर्ट में यह याचिका मृत व्यक्ति की पत्नी चंद्र कला की ओर से दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि 8 अगस्त 2024 को तेलंगी गांव के किशोर कुमार की पुलिस और होमगार्ड के जवान के साथ हाथापाई हुई थी।
हाथापाई के दौरान पुलिस जवानों ने किशोर को हेलमेट से पीटा था। दो दिन के बाद इसकी मौत हो गई। घटना के दौरान चश्मदीद गवाह ने इस मामले में शिकायत दर्ज की। एसपी किन्नौर अभिषेक ने घटना में संलिप्त तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन, कार्रवाई से परिजन संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने मामले में दोषी अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।