
सिविल लाइन (गुरुग्राम), 26 जनवरी। नींद आ रही हो तो फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास नरम बिस्तर है या फिर रिक्शा। मेहनतकश काम करने के बाद विश्राम की मुद्रा में। रिक्शे को बनाया उड़नखटोला। छायाः धर्मेंद्र रूहिल
सिविल लाइन (गुरुग्राम), 26 जनवरी। नींद आ रही हो तो फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास नरम बिस्तर है या फिर रिक्शा। मेहनतकश काम करने के बाद विश्राम की मुद्रा में। रिक्शे को बनाया उड़नखटोला। छायाः धर्मेंद्र रूहिल