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नई दिल्ली। अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में आयोजित वर्ष के पहले अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (आईएसएसएफ ) विश्व कप राइफल, पिस्टल, शॉटगन चरण में भारतीय निशानेबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया। हालांकि, अंतिम स्पर्धा में लक्ष्य श्योराण और नीरू की युवा ट्रैप मिक्स्ड टीम जोड़ी एक अंक से पदक यहां तक कि संभावित स्वर्ण जीतने से चूक गई।
इससे पहले सुरुचि और सौरभ चौधरी की मिश्रित टीम एयर पिस्टल जोड़ी ने कांस्य पदक जीतकर भारत की पदक संख्या को चार स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य तक पहुंचाया था, जिससे भारत कुल पदक तालिका में चीन के बाद दूसरे स्थान पर रहा। चीन ने अंतिम दिन मिश्रित टीम एयर पिस्टल में 1-2 स्थान हासिल कर पांच स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया। दिन का अन्य स्वर्ण पदक चीनी ताइपे ने मिश्रित टीम ट्रैप स्पर्धा में जीता।
भारत के प्रदर्शन की सबसे बड़ी झलक थी- सिफत कौर समरा (50 मीटर राइफल 3 पोजिशन महिलाएं), रुद्रांक्क्ष पाटिल (10 मीटर एयर राइफल पुरुष), सुरुचि (10 मीटर एयर पिस्टल महिलाएं) और विजयवीर सिद्धू (25 मीटर रैपिड-फायर पिस्टल पुरुष) द्वारा जीते गए स्वर्ण पदक। विजयवीर इस स्पर्धा में आईएसएसएफ विश्व कप स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने। किशोरी सुरुचि की शीर्ष खिलाड़ियों को हराकर मिली जीत भी टूर्नामेंट का एक आकर्षक क्षण रही।
ये चारों औसतन सिर्फ 21 वर्ष के हैं और इनमें से दो- सिफत और विजयवीर पहले ही ओलंपियन रह चुके हैं।
महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में युवा पैरिस ओलंपियन ईशा सिंह (आयु 20 वर्ष) की रजत पदक जीत भी उल्लेखनीय रही। वह मिश्रित टीम की मौजूदा विश्व चैंपियन भी हैं और अपने पहले ओलंपिक में पदक न जीत पाने के बाद भी उनके इरादों में कोई कमी नहीं दिखी।
कुछ दिल को छू लेने वाले प्रदर्शन भी देखने को मिले… जैसे कि अनुभवी निशानेबाज चैन सिंह, जो एक दशक पहले एशियाई खेलों में पुरुषों की 3पी स्पर्धा में पदक जीत चुके हैं, उन्होंने अपना पहला व्यक्तिगत आईएसएसएफ विश्व कप पदक जीता। वहीं पूर्व एशियाई खेलों और युवा ओलंपिक चैंपियन सौरभ चौधरी दो साल बाद एक बार फिर विश्व कप पदक तालिका में लौटे।
सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी जोरावर सिंह संधू जो 1998 से आईएसएसएफ विश्व कप में हिस्सा ले रहे हैं ने भी पुरुष ट्रैप स्पर्धा में सातवें स्थान पर रहते हुए बेहतरीन जज्बा दिखाया। वह अंतिम क्वालिफिकेशन स्थान के लिए पांच खिलाड़ियों के बीच शूट-ऑफ में दूसरे स्थान पर रहे।
अब यह भारतीय दल पेरू के लीमा की ओर रवाना होगा, जहां दक्षिण अमेरिका चरण का दूसरा और संयुक्त आईएसएसएफ विश्व कप का अगला चरण 15 अप्रैल से शुरू होगा।