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गुरुग्राम, 24 अक्टूबर। रेजांगला के अमर शहीदों के सम्मान और उनके शौर्य के गौरव की रक्षा के लिए रविवार 26 अक्टूबर को सुबह 10 बजे एक विशाल “रेजांगला शहीद सम्मान यात्रा” आयोजित की जा रही है। यह यात्रा खेड़की दौला टोल प्लाजा गुरुग्राम से आरंभ होकर रजोकरी दिल्ली बॉर्डर तक निकाली जाएगी। लगभग 15 किलोमीटर की यह यात्रा बाइकों, कारों, ट्रैक्टरों, बसों, पैदल यात्रियों और धावकों के माध्यम से निकाली जाएगी। सभी प्रतिभागी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर चलेंगे – भारत के वीरों के सम्मान का यह दृश्य राष्ट्रप्रेम की अद्वितीय मिसाल बनेगा।
यात्रा का उद्देश्य अपमानजनक फिल्म के विरोध में जनआवाज उठाना है। यह सम्मान यात्रा हाल ही में बन रही फिल्म “120 बहादुर” के विरोध में आयोजित की जा रही है। इस फिल्म का निर्देशन रजनीश घई और निर्माण फरहान अख्तर द्वारा किया जा रहा है।
फिल्म रेजांगला की ऐतिहासिक लड़ाई पर आधारित है, जिसमें केवल मेजर शैतान सिंह, परमवीर चक्र के वीरता की झलक दिखाई गई है, परंतु अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इसमें वीर अहिरों के बलिदान और शौर्य को अनदेखा कर दिया गया है।
डॉ. टी.सी. राव (पूर्व सैनिक, समाजसेवी एवं संयोजक – ग्रामीण उत्थान भारत निर्माण) ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि “रेजांगला की लड़ाई में 114 वीरों में से 111 वीर अहिर थे जो अहिरवाल क्षेत्र के थे। फिल्म का नाम ‘120 बहादुर’ रखना और ‘120 वीर अहिर’ न रखना शहीदों के अपमान के समान है। यह न केवल समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि इतिहास के साथ छेड़छाड़, खिलवाड़ एवं अन्याय भी है।”
डॉ. राव ने बताया कि वे पिछले तीन वर्षों से इस विषय पर फिल्म निर्देशक रजनीश घई के संपर्क में हैं और उन्होंने सलाह दी थी कि निर्देशक को फिल्म बनाने से पूर्व 8 वीर चक्र प्राप्त शहीदों के परिवारों से भी एनओसी लेनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने केवल मेजर शैतान सिंह के परिवार से अनुमति ली थी।
लेकिन उनकी इस सलाह की उपेक्षा की गई और समुदाय के योगदान को अनदेखा कर फिल्म का नाम बदलकर “120 बहादुर” रख दिया गया।
कानूनी और जन-आंदोलनात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं। इस अपमानजनक निर्णय के विरोध में अहिर समाज और देशभर के शहीदों के परिवारों एवं पूर्व सैनिकों में भारी आक्रोश है। कई स्थानों पर धरने, महापंचायतें और विरोध सभाएँ आयोजित की जा चुकी हैं।
कानूनी नोटिस जारी किए जा चुके हैं और आगामी सप्ताह में इस मामले को लेकर सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका दायर की जा रही है।
प्रशासनिक सहयोग और अनुशासन के लिए गुरुग्राम पुलिस को यातायात व्यवस्था एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए औपचारिक अनुरोध किया गया है। यात्रा पूर्णतः शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से निकाली जाएगी।
इस आयोजन में विभिन्न पूर्व सैनिक संगठन, शहीद फाउंडेशन, संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा, सामाजिक संस्थाएं, युवा मंडल, महिला मंडल और ग्राम पंचायतें सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
डॉ. टी.सी. राव ने अपने संदेश में कहा कि “रेजांगला केवल एक युद्ध नहीं, यह भारतीय सेना और अहिरवाल की शौर्यगाथा है। जो लोग इस गौरवशाली इतिहास को विकृत करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें यह राष्ट्र कभी क्षमा नहीं करेगा। हमारा उद्देश्य किसी से टकराव नहीं, बल्कि सत्य और सम्मान की पुनर्स्थापना है।”



