न्यू जन कल्याण समिति ने साइबर सिटी के देवी लाल नगर किया आयोजन
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 27 अक्टूबर। सूर्य देव की उपासना के 4 दिवसीय महापर्व के पहले दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया और पूरी शुद्धता के साथ लौकी की सब्जी, अरवा चावल व चने की दाल का प्रसाद भी बनाया। घरों में व्रती के भोजन के बाद ही परिवारों के बाकी सदस्यों ने भोजन ग्रहण किया। शास्त्रों में इसका विशेष संयोग माना जाता है। छठ पर्व को आस्था का महापर्व माना जाता है। रविवार को खरना पर्व का आयोजन किया गया। व्रतधारियों ने सोमवार को सांध्यकालीन अर्ध्य दिया और मंगलवार की प्रातः उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर श्रद्धालु छठ पर्व का समापन करेंगे।
पुराणों में भी छठ पर्व की महत्ता का उल्लेख मिलता है। शिव पुराण, ब्रह्म वैव्रत पुराण, भविष्य पुराण, मार्कण्डेय पुराण के साथ कई अन्य श्रुतियों व उपनिषदों में भी इस पर्व के महत्व का वर्णन किया गया है। भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण के कालखण्ड में भी श्रद्धापूर्वक भगवान भास्कर की पूजा की जाती थी। मगध के साथ ही अन्य कई प्राचीन महत्वपूर्ण राज्यों के इतिहास के साथ इस लोकपर्व की कड़ियां जुड़ी हुई हैं। पांडवों ने भी अपना राज्य प्राप्त करने के लिए छठ पूजा की थी।
गौरतलब है कि पूर्वांचल मूल के लाखों परिवार गुरुग्राम में पिछले कई दशकों से निवास करते आ रहे हैं। डेढ़ दशक पूर्व तक ये परिवार अपना छठ उत्सव मनाने के लिए पूर्वांचल जाते थे, क्योंकि गुरुग्राम में इस प्रकार के आयोजन कम ही होते थे। इन परिवारों ने संगठित होकर पूर्वांचल समाज को एक साथ जोड़ा। समाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए कई सामाजिक संगठनों का भी गठन किया गया। वहीं, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी न्यू जन कल्याण समिति ने साइबर सिटी के देवी लाल नगर में पिछले 26 साल से छठ मइया के आशीर्वाद से छठ महोत्सव धूमधाम से मनाती आ रहा है। न्यू जन कल्याण समिति के अध्यक्ष राम प्रशाद ने बताया कि इस साल घाट पर व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। छठ घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इनके लिए सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। घाट पर बच्चों के लिए झूले लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 27 अक्टूबर को शाम 5 बज कर 34 मिनट पर डूबते सूर्य को अर्ध दिया गया और अब 28 अक्टूबर को उगते सूर्य अर्ध दिया जाएगा।



