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गुरुग्राम: 2022 में 66.86 करोड़ की लागत से जिस सड़क को बनाया गया। वह सड़क अब पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। दिल्ली-जयपुर हाइवे और गुरुग्राम-पटौदी हाइवे को आपस में जोड़ रही रामपुरा रोड (सेक्टर-81ए-82ए, 81-82, 85-86, 89-90 की विभाजन सड़क) जगह-जगह से उखड़ने लग गई है। कई जगह पर फुटपाथ की टाइल और साइकिल ट्रैक क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। करीब छह किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण पर करीब 66.86 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मौजूदा समय में इस सड़क में प्रवेश और निकासी की दोनों स्लिप रोड पर गहरे-गहरे गड्ढे बन चुके हैं।
मामले की शिकायत मिलने पर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) के मुख्य अभियंता ने जांच की तो पाया कि कुछ जगह पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSPV) की तरफ से काम किया जा रहा है, जिस कारण फुटपाथ और साइकिल ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है। जीएमडीए ने 24 जनवरी, 2022 को भिवानी की मेसर्ज कालूवाला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया था।
इस कंपनी को 18 महीने के अंदर इस सड़क का निर्माण करना था, लेकिन जमीन की उपलब्ध नहीं होने के कारण यह सड़क अभी कई जगहों पर नहीं बन सकी है। ऐसे में जीएमडीए ने इस कंपनी को निर्माण कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र नहीं दिया है। प्रमाण पत्र देने के बाद चार साल तक इस सड़क की रखरखाव इस कंपनी ने करनी है।
अब स्थानीय निवासियों ने इस मुख्य सड़क के निर्माण में कमियां बताकर GMDA में शिकायत दी है। इसमें बताया है कि दोनों हाइवे की प्रवेश और निकासी की स्लिप रोड पर गहरे-गहरे गड्ढे हो चुके हैं। दादी सती चौक का आकार सही नहीं है, जिस वजह से इस चौराहे पर यातायात जाम लग जाता है। इस सड़क के चारों तरफ यदि स्लिप रोड बन जाए तो आवागमन में सहुलियत होगी।
फुटपाथ और साइकिल ट्रैक जगह-जगह से उखड़ गए हैं। बरसाती नाले क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कई जगह बरसाती नाला बना नहीं है, जिसे ढका भी नहीं गया है। कोहरे के दौरान इनके कारण बड़ा हादसा घटित हो सकता है। आरोप है कि इस सिलसिले में जीएमडीए में शिकायत दी गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। कई जगह पर पानी की निकासी के लिए सड़क पर बनाई गई रोड गली की ऊंचाई अधिक है। मुख्य सड़क के साथ बने फुटपाथ और साइकिल ट्रैक पर रेहड़ियां लगनी शुरू हो गई हैं। इन रेहड़ियों से खरीदारी करने के लिए वाहन रूकते हैं। इसकी वजह से7 सड़क दुर्घटना होने का डर बना रहता है। इस मुख्य सड़क के आसपास करीब 40 रिहायशी सोसाइटी और कॉलोनियां विकसित हैं।
इस सड़क का निर्माण पूरा करने के लिए जीएमडीए को एचएसवीपी ने जमीन उपलब्ध नहीं करवाई है। सेक्टर 81-82ए में 140 मीटर जमीन नहीं मिलने से बरसाती नाला, सर्विस रोड, फुटपाथ, साइकिल ट्रैक और हरित क्षेत्र का निर्माण अटका हुआ है। सेक्टर 81-82 में 310 मीटर में जमीन विवाद है, जिससे बरसाती नाला, सर्विस रोड, साइकिल ट्रैक और फुटपाथ नहीं बन पा रहा है। सेक्टर-85-86 की मुख्य सड़क पर 160 मीटर जमीन नहीं मिलने से सर्विस रोड, फुटपाथ, बरसाती नाला और हरित पट्टी नहीं बन पा रही है। सेक्टर 89-90 में जमीन विवाद में भी 160 मीटर जमीन विवाद में फंसी है। मौके पर मकान और दुकान हैं।



