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नई दिल्ली। ओलंपियन रायजा ढिल्लों ने जर्मनी के सुहल में चल रहे आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप में बृहस्पतिवार को महिलाओं की स्कीट स्पर्धा में रजत पदक जीतते हुए कठिन और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन किया। रायजा ने 60 में से 51 निशाने लगाए, जबकि ग्रेट ब्रिटेन की फीबी बोडली स्कॉट ने 53 के स्कोर के साथ स्वर्ण जीता। मेजबान जर्मनी की अनाबेला हेटमर को कांस्य मिला।
यह रायजा का किसी भी स्तर पर पहला व्यक्तिगत आईएसएसएफ वर्ल्ड कप पदक है, और वह अपने अंतिम जूनियर वर्ष में खेल रही हैं। यह भारत का इस प्रतिष्ठित जूनियर वर्ल्ड कप में तीसरा पदक है – कनक के बुधवार को महिलाओं की एयर पिस्टल में जीते स्वर्ण के बाद यह दूसरा रजत है।
शानदार प्रदर्शन
रायजा ने क्वालिफिकेशन में शुरुआती तीन राउंड में 71 स्कोर कर चौथे स्थान से शुरुआत की, लेकिन आखिरी दो राउंड में 22 और 23 का स्कोर करते हुए कुल 116 पर पहुंचीं और दूसरे स्थान पर क्वालिफाई किया। हालांकि यह स्थान तीन खिलाड़ियों के बीच हुए 24-शॉट शूट-ऑफ के बाद तय हुआ, जिसमें रायजा ने बाजी मारी।
फाइनल में उन्होंने शानदार शुरुआत की और पहले 10 टारगेट्स के बाद सिर्फ एक मिस के साथ दूसरे स्थान पर बनी रहीं।
फाइनल के बाद रायजा ने कहा, “कल मौसम ठीक था, लेकिन आज बहुत ठंड और तेज हवा थी।” जैसे-जैसे परिस्थितियां कठिन होती गईं, प्रतिभागियों से मिस होते गए।
कजाखस्तान की लिदिया बशारोवा 20 टारगेट्स के बाद पहले बाहर हुईं। इसके बाद मौजूदा जूनियर वर्ल्ड चौंपियन मेडलिन रसेल (ब्रिटेन) और फिर जूनियर यूरोपियन चैंपियन एरियाना नेमबर (इटली) बाहर हुईं। 40 टारगेट्स के बाद 32 हिट्स के साथ राइजा ने भारत के लिए पदक पक्का कर लिया।
स्वर्ण की ओर बढ़ते हुए उन्होंने अगले 20 में से 19 टारगेट गिराए, लेकिन फीबी के तीन निशानों की बढ़त को केवल एक तक ही सीमित कर पाईं और रजत से संतोष करना पड़ा।
“हां, आईएसएसएफ वर्ल्ड कप पदक हासिल करना अच्छा लग रहा है। मैंने ओलंपिक से पहले अपनी तकनीक बदली थी और अब उसमें सहज महसूस कर रही हूं। पेरू सीनियर वर्ल्ड कप में फाइनल में पहुंचने से आत्मविश्वास मिला, जो यहां काम आया। अब मेरा अगला लक्ष्य लोनेटो वर्ल्ड कप है”, रायजा ने कहा।