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नई दिल्ली, 14 नवंबर। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के साझीदार राज्य बिहार पवेलियन का मेले के पहले दिन दिल्ली में बिहार सरकार के स्थानिक आयुक्त कुंदन कुमार एवं बिहार सरकार के उद्योग विभाग के सचिव बी कार्तिकेय धनजी ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया एवं पवेलियन में लगे सभी स्टॉल का परिभ्रमण किया। इस मौके पर बिहार सरकार के कई पदाधिकारी मौजूद थे।
दिल्ली के भारत मंडपम (प्रगति मैदान) में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में पार्टनर स्टेट बिहार का बिहार मंडप को बिहार सरकार के उद्योग विभाग के उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान इस बार आई.टी.पी.ओ. द्वारा इस वर्ष मेले की थीम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अनुरूप नायाब रूप दिया गया है।

बिहार पवेलियन को मेले का थीम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अनुरूप बिहार के कलाकारों द्वारा हाथों से निर्मित मिथिला पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली आर्ट आदि बिहार के नायाब पेंटिंग से सजाया गया है।
बिहार पवेलियन के सेंटर हॉल में बिहार संग्रहालय द्वारा यक्षणी मूर्ति, बुद्ध की प्रतिमा एवं नामचीन लोक एवं समकालीन कलाकारों की उत्कृष्ट कलाकृतियों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र है।
बिहार पवेलियन में प्रदर्शनी सह बिक्री के हेंडलुम एवं हेंडीक्राफ्ट, जीविका दीदी, कंफेड (सुधा) तथा बिहार खादी एवं अन्य स्टाल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर बिहार के पारंपरिक हस्तकलाओं एवं हस्तकरघा उत्पाद जिनमें नालंदा का बाबन बूटी, भागलपुर का सिल्क, मिथिलांचल का मधुबनी पेंटिंग, पटना की टीकुली कला इत्यादि को स्थान दिया गया है। इसके अलावा बिहार खादी के उत्पाद एवं जीविका दीदी का स्टॉल भी मुख्य आकर्षक है।
मेले के स्टेट फूड कोर्ट में बिहार के जीविका दीदी द्वारा संचालित दीदी की रसोई में बिहार के विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन लोगों को लुभा रहा है।
बिहार पवेलियन को प्रत्येक वर्ष मेले के थीम के अनुरूप नयाब डिजाइन एवं रूपरेखा से सजाया जाता है। इस वर्ष बिहार मंडप के मुख्य द्वार को सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में निर्माण हो रहा ीतामाता का मंदिर का प्रारूप बनाया गया है एवं मुख्य द्वार के बगल में पावापुरी मंदिर के प्रारूप का निर्माण किया गया है।



