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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 24 मई। फरीदाबाद जिले के मछगर गांव के रहने वाले मेजर सतेंद्र धनखड़ को उनकी बहादुरी के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। मेजर सतेंद्र सिंह धनखड़ जून 2024 में जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक कंपनी कमांडर के तौर पर एक आतंकवाद विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे।
मेजर सतेंद्र सिंह ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया और न सिर्फ आतंकियों को मारा, बल्कि अपनी टीम को भी सुरक्षित बचा लिया। इस मुठभेड़ के दौरान मेजर धनखड़ के पैर में गोली भी लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
जानिए मेजर सतेंद्र धनखड़ के बारे में
मेजर सतेंद्र धनखड़ 19 साल की उम्र में भारतीय सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। 2018 में उनको Regt 20 Lancers/ 4 Rashtriya Rifles में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल किया गया। इसके बाद 2020 में उनको कैप्टन, साल 2024 में उनको भारतीय सेना में मेजर बना दिया गया। इस दौरान उनकी पोस्टिंग बीकानेर, बाडमेर, जम्मू-कश्मीर में रही है। सतेंद्र अपने परिवार के सबसे छोटे बेटे हैं। सतेंद्र की शादी हो चुकी है और उनको एक 3 साल की उनकी बेटी भी है। उनकी वाइफ निधि धनखड़ हाउस वाइफ है और दयालपुर खेड़े गांव की रहने वाली है। सतेंद्र के सबसे बड़े भाई जीतेंद्र धनखड़ सेक्टर-12 कोर्ट में क्रिमिनल वकील हैं। उनके दूसरे भाई धर्मेंद्र धनखड़ नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पूरा परिवार गांव में ही रहता है। सतेंद्र फिलहाल जम्मू-कश्मीर से वापस आ चुके हैं और लेबनान जाने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं, इस बारे में जब सतेंद्र धनखड़ की मां बीरो देवी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि आज हमारे बेटे ने देश का नाम रोशन किया है और बड़े ही गर्व की बात है परिवार में खुशी का माहौल है। इस लड़ाई में उनके बेटे के भी पैर में गोली लगी थी, लेकिन परिवार को नहीं पता था। जब बेटा छुट्टी आया था तो उनको पूरी बात बताई। वहीं, परिवार में भाई और भाभी ने भी उनकी इस वीरता को सलाम करते हुए कहा कि हमें बड़ा गर्व हो रहा है कि हां, आज हमारे देवर ने देश का और अपने गांव का नाम रोशन किया है।