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गुरुग्राम, 22 दिसंबर। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) विभाग गुरुग्राम की एनफोर्समेंट विंग ने डीएलएफ फेज 1 से 5 में अवैध निर्माण तथा रिहायशी संपत्तियों के व्यावसायिक उपयोग से जुड़े मामलों पर कार्रवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। इसी क्रम में विभाग ने एक विस्तृत पब्लिक नोटिस दोबारा जारी किया है, जिसे विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया है।
विभाग द्वारा पहले कराए गए सर्वे में डीएलएफ फेज 1 से 5 के कुल 4183 प्लॉट/मकानों में विभिन्न प्रकार के नियम उल्लंघन सामने आए थे। इसके बाद हाल ही में कराए गए पुनः सर्वे में चारों फेज में 382 और मकानों को सूची में जोड़ा गया है। इस प्रकार अब कुल 4565 मकानों/प्लॉट्स को नोटिस सूची में शामिल किया गया है। इन सभी यूनिट्स की सूची tcpharyana.gov.in वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी गई है, ताकि संबंधित मकान मालिक अपनी यूनिट की स्थिति स्वयं जांच सकें।
16 जनवरी तक आपत्तियां आमंत्रित
टीसीपी विभाग ने सूची में शामिल सभी मकान और प्लॉट मालिकों से अपील की है कि यदि उन्हें विभागीय सर्वे या उल्लंघन की श्रेणी पर कोई आपत्ति है, तो वे अपनी लिखित आपत्तियां अगले साल 16 जनवरी तक डीटीपी एनफोर्समेंट कार्यालय, गुरुग्राम में जमा कराएं। आपत्ति के साथ स्वीकृत बिल्डिंग प्लान, बिल्डिंग प्लान अप्रूवल लेटर (बीआर-3), ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट, भवन के वर्तमान फोटो, आवेदक का नाम, पूरा पता और संपर्क विवरण अनिवार्य रूप से संलग्न करना होगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त किसी भी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शुरू हुई प्रक्रिया
उल्लेखनीय है कि इस साल 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह टिप्पणी की थी कि कई प्रभावित मकान मालिकों को पूर्व में न तो पक्षकार बनाया गया और न ही उन्हें सुनवाई का अवसर मिला। इसके चलते पुराने आदेश को निरस्त करते हुए संबंधित याचिकाएं पुनः हाईकोर्ट में बहाल की गईं। इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 26 नवंबर को राज्य सरकार और टाउन प्लानिंग विभाग को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित पक्षों को व्यापक स्तर पर सूचना देकर उनकी आपत्तियां सुनी जाएं और आगे की प्रक्रिया अपनाई जाए।
16 जनवरी तक प्राप्त आपत्तियों के आधार पर विभाग हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगा। कोर्ट के निर्देशों के अनुसार यह पूरी प्रक्रिया लगभग 45 दिन के भीतर पूरी की जानी है। मामले में अगली सुनवाई 30 जनवरी को प्रस्तावित है।
डीटीपी एनफोर्समेंट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग गुरुग्राम अमित मधोलिया ने कहा कि अवैध निर्माण तथा रिहायशी संपत्तियों में व्यावसायिक गतिविधियां हरियाणा डेवलपमेंट एंड रेग्युलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट का प्रत्यक्ष उल्लंघन हैं। आगे की सभी विभागीय कार्रवाई पूरी तरह से हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप की जाएगी।



