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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 9 मार्च। सीजेएम कम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ऋतु यादव ने कहा कि शनिवार को हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ लिसा गिल के दिशानिर्देशानुसार हरियाणा प्रांत के प्रत्येक जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसी क्रम में फरीदाबाद जिले के सेक्टर 12 स्थित न्यायिक परिसर में सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संदीप गर्ग की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां विभिन्न अदालतों में विचाराधीन केसों का लोगों की आपसी सहमति निपटारा किया गया है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऋतु यादव की देखरेख में जिला अदालत सेक्टर-12 में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 16 बेंच लगाए गए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुरुषोत्तम कुमार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार यादव, अतिरिक्त प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट विनीत सपरा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संदीप कुमार यादव, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिज्ञासा शर्मा, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रमणीक कौर, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अविनाश यादव, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकृति वर्मा, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अनिल कुमार, ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वीरेंद्र कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रगति राणा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी निधि, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सरिता सोलंकी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी डॉक्टर सारिका, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पारस चौधरी और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नीतिका भारद्वाज की बेंच बनाई गई थी। जिनके सामने कुल 52687 केस रखे गए और इसमें से कुल 50923 केसों का निपटारा आपसी सहमति से लोक अदालत द्वारा किया गया। इन केसों में मोटर वाइकल दुर्घटना, छोटे-मोटे अपराधिक मामले, चेक बाउंस, बिजली से संबंधित, समरी चालान, श्रमिक विवाद केस, वैवाहिक संबंधित, दीवानी, बैंक रिकवरी, रेवेन्यू निपटारा जैसे मामले शामिल रहे जिनका निपटारा आपसी सहमति से किया गया। इस लोक अदालत में अधिक से अधिक ट्रैफिक चालान से संबंधित केसों का निपटारा किया गया।
इस अवसर पर न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत में फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती उनकी कोर्ट फीस वापस हो जाती है तथा केस का फैसला हमेशा के लिए हो जाता है जिससे पैसे व समय की बचत होती है तथा आपस में प्यार-भाव बना रहता है।