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पर्यावरण एवं वन मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की
चंडीगढ़, 30 अप्रैल। हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने आज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित और आने वाले समय में किए जाने वाले पौधारोपण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अधिकतम पौधे लगाने के बजाय पहले से लगाए गए पौधों और पेड़ों को बचाने, सींचने और पोषण पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की जिन पंचायतों के पास सौ एकड़ से अधिक जमीन है उनसे कलेक्टर रेट पर जमीन खरीद कर उससे भूमि बैंक निर्मित करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नर्सरियों में पौधों के पोषण और उसके स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है ताकि भविष्य में वह एक फल-फूलदार-पत्तेदार पौधा या वृक्ष बनें।
कैबिनेट मंत्री ने प्रदेश में जल संरक्षण के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि शिवालिक, अरावली और ऐसे अन्य इलाकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए जहां कम खर्च में छोटे बांध बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में पांच से सौ एकड़ तक के ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया जाना चाहिए जो ऑक्सीजन पार्क एरिया के रूप में विकसित किए जा सकें। ऐसे इलाकों को डवलप करके पीपल, नीम, बड़ जैसे पौधों का रोपण करना चाहिए। इससे नागरिकों के लिए बेहतर ऑक्सी एरियास और पार्क तैयार हो सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जिले में एक शहरी और एक ग्रामीण ऑक्सी एरिया बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
उन्होंने प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) के अंतर्गत् होने वाली गतिविधियों की जानकारी भी ली। बैठक में पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक विनीत गर्ग और अतुल सिरसिकर भी मौजूद थे।